पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस यानी डाक जीवन बीमा का दायरा भारतीय डाक विभाग ने बढ़ा दिया है. अभी तक कम कीमत वाली, लेकिन भरोसेमंद इस बीमा पॉलिसी को सरकारी और अर्धसरकारी कंपनियों के कर्मचारी ही ले सकते थे. भारत सरकार की गारंटीशुदा पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस को अब डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेंजमेंट कंसल्टेंट, चार्टर्ड एंकाउटेंट, आर्किटेक्ट, वकील, बैंकर समेत उन सभी कंपनियों के लोग खरीद सकते हैं, जिनकी कंपनी बीएसई या एनएसई में लिस्टेड है.हनीप्रीत ने किया एक और बड़ा खुलासा, राम रहीम को पुलिस से छुड़ाकर विदेश भेजने की थी तैयारी
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दिल्ली में बताया कि पोस्टल इंश्योरेंस का दायरा इसलिए बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सामाजिक सुरक्षा का कवच मिल सके. मनोज सिन्हा ने कहा कि पोस्टल इंशोरेस के साथ डाक विभाग का भरोसा जुड़ा है. साथ ही इसका प्रीमियम प्राइवेट बीमा कंपनियों से ही नहीं बल्कि एलआईसी से भी कम है. यही नहीं इस पर बोनस भी ज्यादा मिलता है. पोस्टल इंशोरेस योजना देश की सबसे पुरानी बीमा योजना है, जिसकी शुरुआत 1884 में हुई थी. लेकिन पहले इसे सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही ले सकते थे.
सरकार ने ग्रामीण इलाकों में पोस्टल इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने के लिए सांसद संपूर्ण बीमा ग्राम योजना भी नए सिरे से लॉन्च की. मनोज सिन्हा के मुताबिक आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले सभी गांवो में इसका विस्तार किया जाएगा.
भारत में दुनिया का सबसे बडा पोस्टल नेटवर्क है और यहां डाक घरों की संख्या करीब दो लाख है. लेकिन कम प्रीमियम और भारत सरकार का नाम जुड़ा होने के बावजूद पोस्टल बीमा बहुत लोकप्रिय नहीं है. संचार मंत्री से जब इसकी वजह पूछी गयी तो उन्होंने माना कि कम कमीशन होने के कारण पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी इसको लोगों तक पहुंचाने में ज्यादा दिलचल्पी नहीं दिखाते. मनोज सिन्हा के मुताबिक अब इसके लिए एजेंट का कमीशन भी बढ़ाया जा रहा है.