बिहार और झारखंड का सबसे बड़ा पर्व छठ पूरे देश में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक चलने वाला चार दिन का ये पर्व ‘नहाय-खाय’ से शुरू होता है.Breaking:आरती करने वाली मुस्लिम महिलाओंं के खिलाफ फताव जारी!
इस साल छठ की तिथियां
24 अक्टूबर 2017 (चतुर्थी) : नहाय-खाय
25 अक्टूबर 2017 (पंचमी) : खरना
26 अक्टूबर 2017 (षष्ठी) : शाम का अर्घ्य
27 अक्टूबर 2017(सप्तमी) : सुबह का अर्घ्य, सूर्य छठ व्रत का समापन
छठ त्योहार एक साल में दो बार मनाया जाता है. पहली बार चैत्र महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में. भगवान सूर्य की उपासना के साथ छठ पर्व की शुरूआत होती है. हिंदू धर्म में किसी भी पर्व की शुरुआत स्नान के साथ ही होती है और यह पर्व भी स्नान यानी नहाय-खाय के साथ होता है. कार्तिक महीने में छठ मानने का विशेष महत्व है.
जानें 4 दिन कैसे की जाती है पूजा
#1) नहाय-खाय
‘नहाय-खाय’ के मौके घर की पूरी तरह से सफाई कर स्वच्छ होकर शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाते हैं. इस दिन व्रती महिलाएं स्नान और पूजन-अर्चन के बाद कद्दू व चावल के बने प्रसाद को ग्रहण करती हैं.
#2) खरना
इस दिन से महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है जो उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद समाप्त होता है. इस दिन व्रती महिलाएं उपवास कर शाम में स्नानकर विधि-विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद तैयार कर भगवान भास्कर की अराधना कर प्रसाद ग्रहण करती हैं.
#3) शाम का अर्घ्य
तीसरे दिन सूर्य षष्ठी को पूरे दिन उपवास रखकर शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन रात के समय छठी माता के गीत गाने और व्रत कथा सुनने की मान्यता है.
#4) सुबह का अर्घ्य
चौथे दिन सुबह के समय सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंचना होता है और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद घाट पर छठ माता को प्रणाम कर उनसे संतान-रक्षा का वरदान मांगना जाता है. अर्घ्य देने के बाद घर लौटकर सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत खोलते हैं.
कैसे होती है छठ की तैयारी?
छठ की पूजा में एक-एक विधि-विधान को महत्व दिया गया है. इन विधि-विधानों में पूजन सामग्री विशेष महत्व है साथ ही इन सामग्री के बिना छठ पूजा अधूरा माना गया है. छठ पूजा के लिए जो पूजन सामग्री महवपूर्ण है इसका पूरा लिस्ट इस प्रकार है.
बांस या पितल की सूप (सूपा)
बांस के फट्टे से बने दौरा, डलिया और डगरा
पानी वाला नारियल
गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो
सुथनी
शकरकंदी
हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा
नाशपाती
नींबू बड़ा (टाब)
शहद की डिब्बी
पान और साबूत सुपारी
कैराव
सिंदूर
कपूर
कुमकुम
चावल अक्षत के लिए
चन्दन
मिठाई
इसके अतिरिक्त घर में बने हुए पकवान जैसे ठेकुवा, खस्ता, पुवा, जिसे कुछ क्षेत्रों में टिकरी भी कहते हैं, इसके अलावा चावल के लड्डू, जिसे लड़ुआ भी कहा जाता है, इत्यादि छठ पूजन के सामग्री में शामिल है.