लखनऊ :आशियाना के रजनीखण्ड इलाके मेें एक तीन मंजिल मकान की छत पर रविवार की दोपहर जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि छत पर लगी रेलिंग टूट कर नीचे गिर गयी और छत में एक बड़ा का छेंद हो गया। वहीं धमाके की चपेट में आने से एक युवक बुरी तरह घायल हो गया। उसको इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
आशियाना के रचनीखण्ड इलाके में ट्रांसपोर्ट कारोबारी अमरनाथ जायसवाल अपने परिवार के साथ रहते हैं। उसके पड़ोस में पुजारी बृजेश कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं। मंगलवार को पुजारी का पूरा परिवार वैष्णो देवी चला गया था। घर पर पुजारी का बेटा सचिन अकेला था। अमरनाथ के बेटे परमजीत ने बताया कि शनिवार को सचिन कुछ पटाखे खरीद कर लाया था। उसने सुतली बम को सुखाने के लिए उनके मकान की छत पर रखा दिया था।
शनिवार की दोपहर करीब 3 बजे सचिन बम को उतारने के लिए छत पर गया था। इस बीच छत पर जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि मकान की छत पर लगी रेलिंग टूट कर चारों तरफ बिखर गयी। वहीं धमाके की चपेट में आने से सचिन बुरी तरह घायल हो गया। धमाके की आवाज सुन घर में मौजूद लोग व पड़ोसी दौड़कर छत पर पहुंचे तो देखा कि छत पर बड़ा सा सूराख हो चुका था और सचिन घायल पड़ा हुआ था। लोगों ने फौरन ही घायल सचिन को इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए ट्रामा सेंटर भेज दिया। धमाके की सूचना मिलते ही मौके पर आशियाना पुलिस व सीओ कैण्ट अविनश कुमार भी पहुंच गये। छानबीन के बाद पुलिस का कहना है कि छत पर धमाका पटाखे से हुआ है। धमाके में घायल सचिन की हालत गंभीर बतायी जा रही है।
पड़ोसी के छत पर गिरा रेलिंग का मलबा
अमरनाथ के घर के पड़ोस में एक फिजियोथेरेपिस्ट दिलीप कुमार अकेले रहते हैं। घटना के वक्त वह ड्यूटी पर गये थे और मकान बंद था। धमाके की वजह से अमरनाथ की छत की टूटी हुई एक रेलिंग उनके घर पर जा गिरी। इसकी वजह से छत पर लगी सीमेंट की शीट पूरी तरह टूट गयी।
शायद सचिन सुतली बम खरीद कर लाया था
अमरनाथ के घर की छत पर हुए धमाके की तीव्रता इस बात की तरफ इशारा कर रही है कि शायद सचिन पटाखे नहीं बल्कि सुतली बम खरीदकर लाया था। इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि उसने सुतली बम को सुखने के लिए अमरनाथ की छत पर रखा था। दोपहर को जब वह उनको लेने पहुंचे तो उसने छत पर ही उसको दगाने की कोशिश की और इतना बड़ा धमाका हो गया। आसपास के लोगों को भी पुलिस का यह तर्क समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी तीव्रता वाला धमाका पटाखे से हो सकता है।