पिछले कुछ दिनों से देश की राजनीति में मोहब्बत की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल पर टिकी हुई है. भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने ताजमहल को लेकर कई तरह के बयान दिए, जिसको लेकर काफी हंगामा मचा. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवादों के बीच ही ताजमहल का दौरा कर इस पर विराम लगाने की कोशिश की.
आखिर में इस खूंखार नक्सली को चप्पल ने मौत के पास बुला ही लिया…
गुरुवार को योगी ताजमहल पहुंचे और करीब 30 मिनट वहां पर बिताए. सीएम ने यहां पर कई योजनाओं की शुरुआत भी की. सीएम ने पिछले कुछ दिनों से जो विवाद हो रहा था उस पर कहा कि ताजमहल पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है, ये क्यों बना और कैसे बना इस पर बात नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर प्रयास करेगी.
आगरा आएं तो मथुरा भी घूमें
योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में ये भी कहा, ‘हम लोग चाहते हैं कि अगर कोई आगरा आए तो ताजमहल देखने के साथ मथुरा और गोवर्धन भी जाएं’.
योगी का डैमेज कंट्रोल
सीएम ने यहां पर ना सिर्फ ताजमहल का दीदार किया, बल्कि उससे जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत भी की. योगी ने यहां पर ‘मोहब्बत: द ताज’ नाटक भी देखा. मुगल म्यूज़ियम का निरीक्षण किया.
विपक्ष को भी घेरा
योगी ने कहा कि ‘आगरा को हम पर्यटन के क्षेत्र में स्थापित कर रहे हैं तो लोगों को पीड़ा हो रही है. सीएम बोले, विरोध करने वाले वो लोग हैं, जिन्होंने जाति के आधार पर यहां के लोगों को बांटा है.
लगातार हुई है बयानबाजी
पिछले कुछ दिनों में बीजेपी नेताओं की तरफ से ताजमहल को लेकर लगातार बयानबाजी होती रही है. सबसे पहले सरधना से विधायक संगीत सोम ने ताजमहल के इतिहास पर सवाल उठाया, तो उसके बाद बीजेपी नेता विनय कटियार ने उसे शिवालय करार दे दिया. अभी हाल ही में हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने ताजमहल के बाहर बैठकर शिव चालीसा का जाप किया, जिससे विवाद हुआ.
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