पटना। बिहार में दशहरा और मुहर्रम के मौके पर भी सांप्रदायिक तनाव देखा गया था। लेकिन, यहां के एक गांव ने ऐसी मिसाल पेश की है जिसे सुनकर हर कोई आश्चर्यचकित है। दो समुदाय के सैकड़ों लोगों ने मिलकर एक मुस्लिम प्रेमी युगल का शिव मंदिर परिसर में मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह करवाया। इस विवाह की जहां पूरे क्षेत्र में तारीफ हो रही है, वहीं दोनों समुदाय की भागीदारी के बाद प्रेमी युगल भी खुश हैं।
सुपौल जिले के भीगमनगर में दो समुदाय के सैकड़ों लोगों ने मिलकर एक मुस्लिम प्रेमी युगल का शिव मंदिर परिसर में मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह करवाया। भारत-नेपाल सीमा पर बसे भीमनगर पंचायत के वार्ड नंबर-11 के निवासी मोहम्मद सौहान और उसी गांव की रहने वाली नुरेशा खातून एक-दूसरे को पसंद करते थे। इस दौरान दोनों ने कई बार विवाह करने का भी प्रयास किया, लेकिन कुछ न कुछ रुकावट आ जा रही थी।
नुरेशा ने बताया, ‘हम दोनों के बीच एक वर्ष से प्रेम संबंध हैं। हम दोनों दशहरा के पूर्व भागकर दिल्ली चले गए और जब शुक्रवार को लौटे तो फिर दोनों समुदाय के लोगों का साथ मिला। रविवार को अल्लाह के रहम से शिवमंदिर में भगवान शंकर और पार्वती को साक्षी मानकर मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह करवाया गया।’
निकाह करवाने वाले मौलाना जफार ने बताया कि इस निकाह के मौके पर न सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग यहां मौजूद थे, बल्कि हिंदू समुदाय के लोग भी इस निकाह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ऐसा निकाह न पहले देखा और न ही सुना है। नुरेशा की चाची बीबी फातिमा भी इस निकाह से खुश हैं। वह कहती हैं कि इन दोनों को साथ रहना है। ये दोनों एक-दूसरे को पसंद भी करते हैं।
ऐसे में यह गांव की खुशनसीबी है कि दोनों संप्रदाय के लोग इस विवाह समारोह में शामिल हुए। वैसे, भीमनगर पहले से ही सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए चर्चित रहा है। हिंदुओं का त्योहार हो या मुस्लिमों का, सभी संप्रदाय के लोग मिलजुल कर पर्व मनाते हैं।
ग्रामीण बताते हैं कि मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदाय के लोगों ने मिलकर इस निकाह की तैयारी की थी। विवाह के साक्षी बने ग्रामीण सुमित कुमार कहते हैं कि उन्हें बहुत खुशी है कि यह शादी लड़के और लड़की के साथ-साथ उनके परिजनों की खुशी और सहमति से संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि मंदिर में मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह करवाकर गांव के लोगों ने आपसी भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश की है।