अभी तक पासपोर्ट नहीं बनवाया तो अब बनवा लीजिए। एक नई जगह पर इसका ऑफिस खुल गया है। बस तीन दस्तावेज लेकर आइए और 7 दिन में पासपोर्ट पाइए।
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पंजाब के पटियालावासियों की लंबे अर्से से पासपोर्ट केंद्र की मांग आखिरकार पूरी हो ही गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह, सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने मिलकर शुक्रवार को लीला भवन चौक स्थित जनरल पोस्ट ऑफिस के पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन किया। यह पंजाब का दूसरा और देश का 59वां पासपोर्ट सेवा केंद्र है। केंद्र शुरू होते ही यहां नया पासपोर्ट बनाने और पुराने को रिन्यू करने की शुरुआत भी हो गई।
पहले फेज में रोजाना 50 पासपोर्ट बनाए जाएंगे, बाद में इनकी संख्या 200 तक बढ़ा दी जाएगी। पासपोर्ट ऑफिस में पहले ही दिन 17 आवेदन पहुंचे। सबसे पहली एप्लिकेशन आनंद नगर निवासी चरणजीत कौर ने दी। चरणजीत कौर ने पासपोर्ट केंद्र खुलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब चंडीगढ़ के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी। वहीं ऑफिस के इंचार्ज ने कई जानकारियां भी दीं।
उन्होंने बताया कि अब पासपोर्ट बनवाने के लिए कुछ डोक्यूमेंट चाहिएं और ऑनलाइन आवेदन कीजिए। प्रोसेस शुरू होगा, 3 दिन में अप्वाइंटमेंट और 7 दिन में पासपोर्ट हाथ में होगा। तीन डॉक्यूमेंट्स में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी शामिल हैं। इसके अलावा फॉर्मैट एनेक्सचर-1 के साथ एक ऐफिडेविट (नागरिकता की घोषणा, फैमिली डिटेल्स और किसी क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं होना) है।
अब पासपोर्ट जारी होने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन होगा। सेवा के लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। पासपोर्ट केंद्र आधार नंबर की वैधता की जांच अब ऑनलाइन करेगा। वही दूसरी ओर, अब पासपोर्ट बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब आधार कार्ड, पैन कार्ड, मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड से जारी की गई मार्कशीट, स्कूल की टीसी, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड और एलआईसी पॉलिसी बॉन्ड को भी जन्म प्रमाण पत्र के रूप में जमा किया जा सकता है।
पासपोर्ट फॉर्म के अनुलग्नकों का नंबर 15 से घटाकर 9 कर दिया गया है। इसलिए अब 9 तरह के मामलों में एनेक्सचर देना होगा। एनेक्सचर ए, सी, डी, ई और के को हटा दिया गया है और कुछ को मर्ज कर दिया गया है। ऐसे में डोक्यूमेंट्स की संख्या अब कम हो गई है। अब 8 साल से कम और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पासपोर्ट फीस में 10 फीसदी की छूट दी जाएगी।
पासपोर्ट बनवाने के लिए सरकारी कर्मचारी अपना सर्विस रिकॉर्ड, पेंशन रिकॉर्ड भी दे सकते हैं। अब सरकारी कर्मचारी को पासपोर्ट बनवाने के लिए सिर्फ खुद का घोषणापत्र देना होगा। ऑनलाइन आवेदन करने वाला अब एक ही अभिभावक या कानूनी अभिभावक का नाम दे सकता है। इससे सिंगल पैरेंट के होते हुए भी बच्चे का पासपोर्ट बनवाने में मदद मिलेगी।
पहले आवेदन में पिता का नाम देना अनिवार्य था, अब यह जरूरी नहीं है। अब इसका सिर्फ प्लेन पेपर पर प्रिंट लिया जा सकता है। इस दस्तावेज को अब सेल्फ अटेस्ट भी किया जा सकता है। किसी नोटरी या कार्यकारी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होगी। पासपोर्ट बनवाने के लिए अब शादीशुदा लोगों को विवाह प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं होगी।
जिनका तलाक हो चुका है, उन्हें भी तलाक के दस्तावेज नहीं देनें होंगे। इसके साथ ही पति या पत्नी का नाम देना भी जरूरी नहीं होगा। अनाथ बच्चों को भी पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र देने से छूट मिल गई है। अब अनाथालय या चाइल्ड केयर होम के प्रमुख का घोषणापत्र देने से ही काम चल जाएगा। गोद लिए बच्चे के लिए रजिस्टर्ड प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है।
पहले पासपोर्ट बनवाने में पहले कम से कम एक महीने का वक्त लगता था। पुलिस वेरिफिकेशन में सबसे ज्यादा समय जाया होता था। अब लोकल पासपोर्ट सेवा केंद्र के जरिए इसे आसानी से बनवाया जा सकता है। अब पासपोर्ट जारी होने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन होगा। सेवा के लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। पासपोर्ट केंद्र आधार नंबर की वैधता की जांच अब ऑनलाइन करेगा।
इसके अलावा वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड की जांच की भी जरूरत पड़ी तो इससे संबंधित डेटाबेस के जरिए की जाएगी। यह सब प्रक्रिया पासपोर्ट के लिए आवेदन अप्रूव होने के पहले ही संपन्न की जाएगी। यदि पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेज के उलट कुछ पाया जाता है तो पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा।