जीएसटी परिषद की 23वीं बैठक कल से गुवाहाटी में शुरू होने वाली है. दो दिन तक चलने वाली इस बैठक में परिषद कई अहम फैसले ले सकती है. माना जा रहा है कि जीएसटी को लेकर इस बैठक में कई ऐसे फैसले लिए जा सकते हैं, जिससे न सिर्फ आम आदमी को फायदा होगा, बल्कि कारोबारियों की सहूलियत भी बढ़ेगी.SBI की रिपोर्ट के अनुसार: नोटबंदी ने डिजिटल पेमेंट में आगे पहुंचा भारत, 122 % की हुई बढ़ोतरी
टैक्स स्लैब घटाने पर फैसला
9 से 10 नवंबर तक चलने वाली इस बैठक में जीएसटी परिषद टैक्स स्लैब घटाने पर सबसे अहम फैसला ले सकती है. इस बैठक में परिषद रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले उन उत्पादों का टैक्स रेट घटा सकती है, जो फिलहाल 28 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल हैं. इसमें मेकअप का सामान, इलेक्ट्रिक बल्ब और घर के निर्माण कार्य में यूज होने वाली कई छोटी-मोटी चीजों को 18 से 12 फीसदी टैक्स रेट में लाया जा सकता है.
बाहर खाना हो सकता है सस्ता
जीएसटी परिषद की इस बैठक में कंपोजिशन स्कीम को लेकर असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्वशर्मा की अध्यक्षता में बने मंत्री समूह की तरफ से मिले सुझावों पर विचार किया जाएगा. मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि एसी रेस्तरां पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर 12 फीसदी कर दिया जाए. वित्त मंत्री अरुण जेटली भी पहले एसी होटलों पर लगने वाले रेट को घटाने का संकेत दे चुके हैं. ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि ये रेट घटाए जाएंगे. इससे आम आदमी को बाहर भोजन करना सस्ता हो जाएगा.
बढ़ सकती है कंपोजिशन स्कीम की सीमा
कारोबारियों को राहत देने के लिए जीएसटी परिषद कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ा सकती है. मौजूदा समय में इसमें 1 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले कारोबार को ही शामिल किया गया है, लेकिन इस बैठक में इसकी सीमा 1.5 करोड़ करने पर विचार किया जा सकता है. इससे कई और कारोबार इस स्कीम के तहत आ सकते हैं. इसके अलावा मैन्युफैक्चर्स को सकल बिक्री पर 2 की जगह 1 प्रतिशत, रेस्टोरेंट के लिए 5 की जगह 1 प्रतिशत और ट्रेडर्स के लिए 1 की जगह 0.5 प्रतिशत कर भुगतान का सुझाव दिया गया है.
आम आदमी को मिलेगी ये राहत
कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ने और होटल व मैन्युफैक्चरर्स के लिए टैक्स दर घटने से आम आदमी को भी फायदा मिलेगा. कंपोजिशन स्कीम का फायदा लेने वाले कारोबारी इसका लाभ ग्राहकों तक बढ़ा सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो इन होटलों में लंच करना आपके लिए दूसरे होटलों के मुकाबले काफी सस्ता हो सकता है.
घर खरीदना हो सकता है सस्ता
इस बैठक में रियल इस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी विचार किया जा सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही यह संकेत दे चुके हैं. जेटली कह चुके हैं कि रियल इस्टेट के जीएसटी के दायरे में आने से लोगों को कई तरह के टैक्स भरने से राहत मिलेगी. इसके बाद उन्हें सिर्फ एक ही टैक्स भरना होगा. इसेस आम लोगों को घर खरीदना सस्ता पड़ सकता है.