एक साल पहले लागू नोटबंदी की कवायद में 50 दिनों में लोगों ने अपनी पुरानी करेंसी बैंकों में जमा कर दी और खर्च चलाने के लिए धीरे-धीरे नई करेंसी प्राप्त कर ली. ऐसे ज्यादातर लोगों के लिए नोटबंदी कोई नई परेशानी लेकर आएगी. लेकिन इनमें से कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने नोटबंदी के पहले 50 दिनों के दौरान बैंकों में जरूरत से ज्यादा रकम जमा कराई है. आम आदमी के अलावा देश की कई छोटी-बड़ी कंपनियों ने भी बड़ी मात्रा में कैश जमा किया है. ऐसे लोगों के लिए नोटबंदी एक बार फिर परेशानी खड़ी करने की तैयारी में है.अभी-अभी: CM योगी ने लिया अहम फैसला, अब स्वास्थ्य केंद्रों पर दूर होगी डॉक्टरों की कमी
केन्द्र सरकार नोटबंदी के एक साल का जश्न मना रही है. केन्द्र सरकार दावा कर रही है कि नोटबंदी एक सफल कदम था और इससे देश में कालेधन पर तगड़ी चोट लगी है. अपनी इस दलील को और पुख्ता करने के लिए देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत कई आला मंत्री दावा कर चुके हैं कि अब नोटबंदी की कवायद के बाद बारी उन लोगों की है जिन्होंने बेहिसाब कैश को अपने-अपने बैंक खातों में जमा कराया था. केन्द्र सरकार के दावे के मुताबिक टैक्स विभाग के पास ऐसे सभी खातों का आंकड़ा एकत्र हो चुका है और अब वह बड़ी तैयारी के साथ ऐसे खातों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी में है.
लिहाजा, यदि आपने भी नोटबंदी के दौरान आपने अपने बैंक खाते में 500 और 1000 रुपये का इस्तेमाल करते हुए 2.5 लाख रुपये से अधिक रकम जमा कराई है तो आपके लिए मुसीबत जल्द दस्तक देने वाली है.
कालेधन पर टैक्स नए प्रवाधान
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद केन्द्र सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए इंकम टैक्स एक्ट में बड़ा संशोधन किया था. इस संशोधन से जुड़े प्रावधान के मुताबिक बैंक खाते में 500 और 1000 रुपये की करेंसी का इस्तेमाल करते हुए कालाधन जमा कराने पर सरकार 30 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी का जुर्माना लगाएगी.
इसके साथ इस जरिए घोषित की गई कुल रकम पर लगे 30 फीसदी टैक्स पर 33 फीसदी की दर से सरचार्ज भी लगेगा. इस सरचार्ज की रकम प्रधानंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा की जाएगी जिसका इस्तेमाल केन्द्र सरकार गरीबों की तमाम कल्याण योजनाओं के लिए करेगी.
लिहाजा, आप यदि अपने खाते में गैरकानूनी करार दी गई करेंसी का इस्तेमाल कर कोई बड़ी रकम जमा कराते हैं तो इस फॉर्मूले के तहत अब आपको 40 फीसदी टैक्स(टैक्स और पेनाल्टी) देना होगा. टैक्स की कुल रकम पर 33 फीसदी सरचार्ज भी वसूला जाएगा. इन दोनों को जोड़कर मोटे तौर पर लगभग 50 फीसदी तक कालेधन पर टैक्स, पेनाल्टी और सरचार्ज देना होगा.
हालांकि कि कानूनी प्रावधान के मुताबिक नोटबंदी की प्रक्रिया के दौरान जिन लोगों ने स्वत: अघोषित आय का खुलासा नहीं किया है और अब वह पकड़े जाते हैं तो उनपर पर 75 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी पेनाल्टी लगाई जाएगी.
परिवार के सभी सदस्यों के खातों की हो रही जांच
कालेधन के खिलाफ नए कानून की खास बात यह है कि यदि आपने कानून से बचने के लिए 2.5 लाख रुपये की रकम या उससे ज्यादा को कई भाग में बांटकर परिवार के अन्य सदस्यों के खाते में जमा कराया है तो आप कानून की पहुंच से बाहर नहीं है. केन्द्र सरकार इस कानून के तहत सभी बैंकों को निर्देश देगी कि परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खातों को मिलाकर देखा जाए जिससे 8 नवंबर 2016 के बाद सभी खातों में जमा हुई रकम का टोटल किया जा सके.
गौरतलब है कि सभी खातों में जमा रकम यदि छूट की रकम से अधिक आती है तो आपको इसका पूरा ब्यौरा देना होगा. ब्यौरा नहीं दे पाए तो जाहिर है आप जमा की गई रकम का 40 फीसदी टैक्स अदा करेंगे और टैक्स की राशि पर 33 फीसदी सरचार्ज देंगे.
यह कदम सरकार ने नोटबंदी के बाद जनधन अकाउंट के साथ-साथ ज्यादातर सेविंग बैंक अकाउंट में बड़ी रकम जमा होने की खबर के बाद उठाया था. हालांकि अभी सरकार को इस बात का खुलासा करना बाकी है कि नोटबंदी के दौरान जनधन खातों का इस्तेमाल करते हुए कितने कालेधन को सफेद बनाने की कवायद की गई थी.