हम सभी ने दुःख-भरे गाने सुने होंगे। ऐसा माना जाता है ऐसे गाने दिल को उस वक़्त शांत करने में सहायक होते हैं, जब वह उदास या परेशान होता है। लेकिन क्या आप यह विश्वास कर सकते हैं कि कोई गाने आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर कर सकता है?
‘ग्लूमी संडे’ नामक गाने को शायद विश्व के इतिहास में सबसे शापित गाना माना जाता है। इस गाने को सुनकर अभी तक सौ से भी अधिक लोग ख़ुदकुशी कर चुके हैं। ‘ग्लूमी संडे’ नामक इस गाने को हंगरी के रहने वाले 34 वर्षीय रेज़सो सेरेस ने 1933 में लिखा था। बाद में इसका नाम बदल कर ‘हंगरी सूइसाइड सॉंग’ रख दिया गया।
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कौन थे रेज़सो सेरेस ?
रेज़सो सेरेस हंगरी में जन्मे थे। वह बचपन में बेहद होनहार थे, लेकिन गरीबी की वजह से अधिक आगे नहीं जा पाए। रेज़सो सेरेस का बचपन बहुत सख्त दौर से गुज़रा और रेज़सो की यह सारी पीड़ा उनके अंदर घर करती गई।
रास नहीं आई मोहब्बत
कहते हैं मोहब्बत हर किसी को रास नही आती, कुछ ऐसा ही हुआ सेरेस के साथ। दरअसल, सेरेस एक लड़की से बेहद प्यार करते थे, लेकिन उस लड़की को सेरेस को एक संगानेकार के रूप में देखना पसंद नही था। इस वजह से उनमें काफ़ी विवाद भी होता था और एक दिन वह लड़की सेरेस को छोड़ कर चली गयी।
प्रेमिका की आत्महत्या के बाद रचा गया यह गाने
ऐसा कहा जाता है कि रेज़सो सेरेस से बिछड़ने के बाद उनकी प्रेमिका ने आत्महत्या कर ली और उनकी गर्लफ़्रेन्ड के शव के पास एक नोट मिला था, जिस पर दो ही शब्द लिखे हुए थे “ग्लूमी संडे”। रेज़सो सेरेस भी यह दर्द सह नहीं सके और प्रेमिका की जुदाई में उन्होंने यह गाना लिखकर यूँ ही अपनी दर्द भरी आवाज़ में गा दिया। यह गाना बहुत प्रचलित हुआ, लेकिन इसकी प्रसिद्धि का कारण कुछ और ही था।
कई आत्महत्या के क़िस्सों से जुड़ा है ‘ग्लूमी संडे’
इस गाने से जुड़ी कई कहानियाँ हैं। हंगरी में एक लड़की ने गाना सुनते-सुनते छत से कूद के जान दे दी। दूसरे हादसे में एक महिला ने गाना सुनते-सुनते ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। इस गाने से जानें कितने ही आत्महत्या के किस्से जुड़े हुए हैं।
सरकार को लगाना पड़ा प्रतिबंध
ब्रिटेन और हंगरी में इस गाने को सुनकर इतनी आत्महत्या हो रही थी कि सरकार को इसे बैन करना पड़ा। कहा जाता है कि इस गाने को लिखने वाले रेज़सो सेरेस ने खुद भी आत्महत्या ही की थी। वर्ष 1968 में रेज़सो सेरेस ने एक बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।