मोदी सरकार अगला आम बजट भी 1 फरवरी को ही पेश करेगी. ये बजट 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. केंद्र सरकार ने 2017 में ही इस परंपरा की शुरुआत की थी, जिसमें फरवरी के आखिर में पेश होने वाले बजट को 1 फरवरी को पेश किया गया. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस बार सरकार जनवरी में बजट पेश कर सकती है.गुजरात: जिग्नेश का कांग्रेस से मेल, BSP का बिगाड़ेगा सियासी खेल
आपको बता दें कि जीएसटी लागू होने के बाद ये पहला बजट होगा. सरकार ने 1 फरवरी को बजट पेश करने की शुरुआत इसलिए की थी ताकि पेश किए गए बजट को खर्च करने के लिए पर्याप्त समय दिया जा सके.
एक अधिकारी ने बताया है कि बजट की तारीख को पहले नहीं किया जाएगा, यह एक फरवरी को ही पेश किया जाएगा. सरकार ने बजट को लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है. सरकार ने सभी मंत्रालयों को अपने अनुमानित बजट को 30 सितंबर तक जमा करने को कहा गया था. केंद्र सरकार ने हंसमुख अधिया को एक टीम तैयार कर बजट की तैयारी करने के लिए कहा गया है.
टैक्स स्लैब में बदलाव पर अड़चन
आपको बता दें कि केंद्र सरकार अब इनडायरेक्ट टैक्स स्लैब में खुद बदलाव नहीं कर सकती है, बल्कि उसे टैक्स में बदलाव के लिए जीएसटी काउंसिल की अनुमति लेनी होगी. यानी अगर सरकार को टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव करना है तो जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद ही कोई बदलाव होगा. ऐसे में सरकार को विपक्षी पार्टियों की राज्य सरकारों के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है.
शीतकालीन सत्र पर सस्पेंस है जारी
आपको बता दें कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के कारण अभी तक शीतकालीन सत्र शुरू नहीं हो पाया है. वहीं सूत्रों की मानें, चूंकि बजट सत्र फरवरी में होने वाला है इसलिए शीतकालीन सत्र होगा तो उसकी अवधि छोटी ही रहेगी. बीते साल 16 नवंबर से 16 दिसंबर तक चले शीतकालीन सत्र में 22 बैठकें हुई थीं. पिछले साल बजट सत्र की शुरुआत 1 फरवरी से हुई थी.