बात जून 2013 की है. दिल्ली के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को एक कॉल आई. उधर से आवाज आई, ‘अरे साब. अब तो आप रिटायर्ड हो रहे हो. अब तो मेरा पीछा छोड़ दो.’ वो पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार थे. फोन पर नंबर नहीं था. लेकिन उस शख्स से पहले बात हो चुकी थी. इसिलए पहचान लिए. वो शख्स कोई और नहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम था.इस वजह से एयर इंडिया ने किया राष्ट्रपति कोविंद की बेटी का तबादला
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार के नेतृत्व में ही दिल्ली पुलिस ने क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग का सनसनीखेज खुलासा किया था. इस केस में दाऊद इंब्राहिम का नाम आया था. इस केस की कड़ियां सीधे उससे जुड़ रही थीं. क्रिकेट में इतने बड़े फिक्सिंग नेटवर्क का मुखिया दाऊद ही था. मुंबई धमाकों के बाद दूसरी बार उसका नाम एक बड़े केस में आ रहा था.
दाऊद ने दी थी पुलिस अफसर को धमकी
इसी वजह से दाऊद ने नीरज कुमार को फोन किया. नीरज कुमार ने बताया, ‘फोन पर दाऊद के कहने का सीधा मतलब ये था कि मैं रिटायर्ड होने वाला हूं. इसके बाद मुझे सिक्योरिटी तो मिलेगी नहीं, मेरी जान को खतरा रहेगा. ऐसे में उसने धमकी दी कि इस मामले में मैं उसका नाम लूं. वह बाद में मेरा नुकसान पहुंचा सकता है. उसने सीधे मुझे धमकी दी थी.’
तीन बार हुई थी दाऊद से फोन पर बात
37 साल पुलिस सेवा करने वाले नीरज कुमार ने 9 साल तक सीबीआई में भी काम किया है. उन्होंने साल 1993 में हुई मुंबई धमाकों की भी जांच की है. इस दौरान करीब तीन बार उनकी दाऊद इब्राहिम से बात हुई थी. दाऊद के सरेंडर के सवाल पर उनका कहना है, ‘मुझे नहीं लगता कि दाऊद इब्राहिम सही मायने में सरेंडर करना चहता था या अब भी करेगा.’
इन शर्तों के साथ किया सरेंडर की बात
उन्होंने कहा, ‘हां, वो शर्तों के साथ सरेंडर की बात करता था, जो भारतीय कानून के हिसाब से संभव नहीं है. उसने इसी तरह की बात वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के साथ भी की थी. आज की स्थिति में हम लोगों ने उसको बहुत ज्यादा चर्चित कर दिया. उस पर फिल्म बनी. किताब लिखे गए. वह एक साधारण अपराधी है. हालात की वजह से वह उस मुकाम पर है.’