रोहिणी कोर्ट परिसर में एक विचाराधीन कैदी की गोली मार कर दिन दहाड़े हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई. वकीलों और न्यायाधीशों की सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं. पुलिस उपायुक्त रोहिणी ऋषि पाल ने बताया कि रोहिणी की अदालत में विनोद उर्फ बल्ले को पेश किया गया था.प्रद्युम्न हत्याकांड सुलझने की बजाय और भी उलझा, आरोपी छात्र ने बदला अपना बयान
उसे वापस ले जाते समय दोपहर करीब 11 बजकर 20 मिनट पर उसे गोली मारी गई. आरोपी को घटनास्थल से ही पकड़ लिया गया और हथियार बरामद कर लिया गया. ऐसा संदेह है कि आरोपी यहां वादी बनकर आया था. यह घटना कैंटीन क्षेत्र के निकट हुई. इस वारदात के बाद अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई थी.
उन्होंने बताया कि विनोद को बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. वह धोखाधड़ी के एक मामले में शामिल था. यह मामला साल 2010 में दक्षिण रोहिणी पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था. पुलिस ने बताया कि विनोद पिछले 14 दिन से न्यायिक हिरासत में जेल की सजा काट रहा था.
इस मामले के अलावा वह किसी अन्य आपराधिक मामले में शामिल नहीं था. धोखाधड़ी के इस मामले में उस पर एक चैक पर किसी और के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप था. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह घटना गैंगवार का नतीजा तो नहीं है. घटनास्थल पर रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव एस एन शर्मा मौजूद थे.
उन्होंने बताया कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अन्य फरार हो गए. इस घटना के बाद अदालत परिसर में जजों और वकीलों की सुरक्षा को लेकर भय व्याप्त हो गया है. सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. वकीलों ने भी इस घटना पर चिंता जतायी है. परिसर में प्रवेश के लिए पास प्रणाली लागू करने का आग्रह किया है.
रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि यदि पास प्रणाली को 24 घंटे के अंदर लागू नहीं किया गया तो वे 15 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इस घटना के बाद रोहिणी अदालत में पुलिस चौकी प्रभारी नरेन्द्र को निलंबित कर दिया गया, जबकि प्रशांत विहार थाने के एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है.