लखनऊ: यूपी में होने वाले निकाय चुनाव को पुलिस विभाग अपने ही संस्थानों का प्रयोग करेगी। बूथों पर कड़ी निगरानी होगी, सीसीटीवी,स्टिल और वीडियों कैमरे के साथ साथ आसमान से ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जायेगी। कुल 83 ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जायेगा, जिसमें से 54 को किराये पर लिया जायेगा। कुल 11244 मतदान केन्दों पर 36302 बूथ स्थापित किये गये है। इसमें से 4462 बूथों को संवेदनशील और 3296 बूथों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है।
चुनाव आदर्श साचार संहिता के उल्घंन में कुल 244 मुकदमें दर्ज किये गये है, लेकिन गिरफ्तारी किसी की भी नहीं हुई है। उम्मीदवारों की व्यय सीमा पर नजर रखने के लिये सभी जिलों में उडऩ दस्ते का गठन किया गया है, प्रदेश में कुल 626 उडऩ दस्ते गठित किये गये है। हर दस्तें में एक मजिस्ट्रट और एक दरोगा को रखा गया है। इस दस्तें को वीडियोग्राफर मुहैय्या कराया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि चुनाव को निष्पक्ष और शाङ्क्षतपूर्ण ढंग से सम्पन कराया जायेेंगा। संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों को लेकर पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया गया है कि कैमरों के अलावा यहां अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की जाये ताकि इन स्थलों की संवेदनशीलता को समान्य किया जा सकें।
उन्होंने बातया कि कोशिश यह की गयी है कि संवेदनशील बूथों की सं या 10 प्रतिशत से अधिक न हो। उन्होंने बताया कि चुनाव आचार संहिता के तहत सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है, अगर को आपत्तिजन पोस्ट मिल रहा है तो उस पर कार्रवाई के लिये संबंधित जिलों को भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर अगर किसी व्यक्ति के पास से 2 लाख से अधिक धनराशि प्राप्त हो रही है और वह उसे स्पष्टï नहीं कर पा रहा है तो उसे जब्त किया जायेगा। इसकी जानकारी आयकर विभाग को भी दी जायेगी।
इस तरह के तीन से चार केस अब तक सामने आ चुके है। उन्होंने बताया कि गत 10 अक्टूबर से अवैध असलहों के खिलाफ अभियान चलाकर अभी तक कुल 2244 मुकदमें पंजीकृत कर 2275 लोगों को गिर तार किया गया है। 2362 असलहें, 3873 कारतूस और 6411 बम व गोला बारूद बरामद किया गया है। इसी तरह अवैध शराब के कारोबार में लिप्त कुल 8606 लोगों को गिर तार किया गया है।
नेपाल और अन्य राज्यों की सीमाओं पर सघन चेकिेंग की जा रही है, अभी तक भारी मात्रा में मादक पदार्थो के साथ 662 लोगों को गिर तार किया जा चुका है। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से सीपीआरसी की धराओं 151 और 107-16 में 159677 लोगों को पाबंद किया गया है। 7691 गैर जमानतीयों को गिर तार किया गया है, 25 लोगों पर एनएसए लगाया गया है, गैंगस्टर एक्ट के तहत 250 मुकदमें दर्ज किये गये है और 741 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गुण्डा एक्ट के तहत 3598 लोगों का चलान किया गया है, 975 को नोटिस भेजा गया है, 830 लोगों को जिला बदर किया गया है, गुण्डा एक्ट में 272 लोगों को गिर तार किया गया है। 7665 वांछित अपराधियों को गिर तार किया गया है, 110 पुरस्कार घोषित अपराधियों को प्रदेश में आचार संहिता लगने के बाद से गिर तार किया गया है। 62240 हिस्ट्रीशीटरों को इस दौरान चेक किया गया है।
उन्होंने बातया कि मतदान के पूर्व और परिणाम के बाद हारे जीते उ मीदवारों के बीच होने वाले विवादों की आशंका को देखते हुये यूपी 100 और 1090 को अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि संचार व्यवस्था के लिये जिलों से 9000 स्टैटिक व मोबाइल वायरलेस सेट की मांग की गयी थी, जिसके सापेक्ष रेडियों मु यालय ने जिलों को 2055 स्टैटिक व वायरलेस सेट और 2016 हैण्ड हैल्ड सेट उलपब्ध कराया गया है।
इसके अलावा नई दिल्ली स्थित कोआर्डिनेशन ऑफ पुलिस वेलफयर निदेशालय द्वारा भी 2500 स्टैरिक और 2500 हैण्ड हैल्ड सेट उलपब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक चरण में हर रेंज के जिलों में चुनाव होना है, इस लिये यह जि मेदारी रेंज के आईजी को दी गयी है कि वह फोर्स का व्यवस्थापन आवश्कतानुसार अपने रेंज से करें, अगर कमी होती है तो वह जोन के एडीजी से मदद ले, फिर भी फोर्स की कमी होती है तो मु यालय से स पर्क किया जाये।
उन्होंने बातया कि मु यालय स्तर से प्रथम चरण के लिये 24 जिलों को 75 क पनी, दो प्लाटून, द्वितीय चरण के लिये 25 जिलों को 91 क पनी और तृतीय चरण के लिये 26 जिलों को 71 क पनी पीएसी दी गयी है। मतगणना के लिये 43 क पनी पीएसी और दो प्लाटून दिया गया है। उन्होंने बातया कि केन्द्र की ओर से 40 क पनी अद्घसैनिक बलों की मिली है, इसका इस्तेमाल कानून व्यवस्था के तहत किया जायेगा, निकाय चुनाव में इस फोर्स का इस्तेमाल नहीं होगा। 20 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक के लिये मिले अद्घसैनिक बलों को बारावफात की सुरक्षा व्यवस्था में लगाया जायेगा।
सभी असलहें जमा कराना जरुरी नहंी
एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि निकाय चुनाव के मद्देनजर सभी का लाइसेंसी असलहा थाने में जमा कराना जरुरी नहीं है। उन्होंने न्यायालय की गाइड लाइन के मुताबिक असलहों को जमा कराया जाता है। इसके तहत जो लोग चुनाव को प्रभावित कर सकते है, या संभावना हो कि वह चुनाव को प्रभावित कर सकता है, या फिर वह अपराध में लिप्त रहा हो उसका असलहा थाने में जमा कराना जरुरी होता है। उन्होंने बातया कि असलहा जमा कराने के लिये हर जिले में एक स्क्रीनिंग कमेटी है, जो विचार करती है कि किसका असलहा जमा करना है और किसे छुट देनी है। स्क्रीनिंग कमेटी ने कुल 79345 शस्त्रों को छुट दी र्है। अभी तक कुल दो लाख 26 हजार 86 असलहों को जमा कराया गया है, तीन लाख 33 हजार असलहें जमा कराना अभी शेष है।