पीलिया के मुख्य कारणों में से एक है हेपेटाइटिस-ए वायरस का संक्रमण। यह दूषित पानी और सब्जियों के जरिए लिवर को प्रभावित करता है।
इस अंग के संक्रमित होने से शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे शरीर पीला नजर आने लगता है। कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं जिससे यह गंभीर रूप लेता है।
लक्षण : अधिक कमजोरी, चक्कर आना व सूजन बार-बार उल्टी, उल्टी या मल में खून, बोली में बदलाव, अधिक कमजोरी लगना, चक्कर आना, शरीर पर सूजन व सांस तेज चलना इसके लक्षण हैं।
ये भी हैं कारण
10-15 प्रतिशत बच्चों में पीलिया सामान्य हेपेटाइटिस-ए वायरस की वजह से न होकर लंबे समय से लिवर की तकलीफ (विल्सन डिजीज), हेपेटाइटिस-बी व सी वायरस, टीबी, मलेरिया, डेंगू, टायफॉइड व पित्त नलिकाओं में सिकुडऩ की वजह से भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज का इलाज जल्द से जल्द शुरू हो जाना चाहिए।
बचाव
खानपान में साफ-सफाई का ध्यान रखें व पानी उबालकर पिएं।
वसायुक्तव गरिष्ठ चीजों को खाने से बचें।
चावल, दलिया, आलू, शकरकंद, पपीता, छाछ व मूली को डाइट में शामिल करें।
बासी खाना न खाएं और मच्छर व धूल से भोजन को बचाने के ढककर रखें।