रियल एस्टेट सेक्टर को केंद्र सरकार एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में है। रेरा और जीएसटी के लागू होने के बाद से वैसे ही बिल्डर्स को मार पड़ी हुई है। लेकिन इस झटके से ग्राहकों की बल्ले-बल्ले होने वाली है, क्योंकि यह झटका प्रॉपर्टी के बढ़ते अनाप-शनाप प्राइस पर पूरी तरह से रोक लगाने जा रहा है। दुनियाभर में छाया ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा: PM मोदी
देना होगा बिल्डर्स को हिसाब-किताब
नया नियम जो कि जल्द ही लागू हो सकता है, उसके मुताबिक बिल्डर्स को अब अपनी उन प्रॉपर्टी(पूरी तरह से तैयार फ्लैट, विला) का भी हिसाब-किताब देना होगा, जो बिकी नहीं है। इसके अलावा ऐसी प्रॉपर्टी पर टैक्स भी देना होगा। अभी अनसोल्ड प्रॉपर्टी पर बिल्डर्स को किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होता है। वो इन्हें स्टॉक-इन-ट्रेड दिखाते हैं। इनके बिकने पर यह ‘प्रॉपर्टी बेचने पर हुई इनकम या फिर बिजनेस इनकम’ दिखाते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दिया वित्त मंत्रालय को सुझाव
इनकम टैक्स मंत्रालय ने हाल ही वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वो ऐसा टैक्स लगा सकते हैं। इसकी घोषणा सरकार बजट में या फिर उससे पहले भी कर सकती है। अगर यह नियम लागू होता है तो फिर बिल्डर्स को अपनी प्रॉपर्टी को कम प्राइस पर बेचना होगा या फिर कोर्ट का सामना करना पड़ेगा।
प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करने की तैयारी
केंद्र सरकार बेनामी संपत्ति पर लगाम लगाने के लिए प्रॉपर्टी खरीदने पर आधार नंबर को जरूरी करने जा रही है। बैंक अकाउंट, पैन कार्ड और पासपोर्ट को आधार से लिंक करने के बाद अब मकान, दुकान को खरीदने या बेचने पर ऐसा करना होगा।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने टीवी चैनल ईटी नाऊ से बात करते हुए कहा कि सरकार अब देश भर में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन इलेक्ट्रोनिक तरीके से कर सकती है। पुरी ने कहा कि अभी बैंक अकाउंट को आधार से लिंक किया जा रहा है। हम आगे चलकर प्रॉपर्टी मार्केट के साथ भी ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए सरकार संपत्ति कानून 1908 के सेक्शन 32 और 32ए में संशोधन कर सकती है।
शीत सत्र में बिल लाने की तैयारी में सरकार
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में लंबित रजिस्ट्रेशन अधिनियम में संशोधन के लिए लाए जा रहे विधेयक में आधार को अनिवार्य करना शामिल किया है। यह सिफारिश संसद की स्थाई समिति ने की थी, जिस पर विचार के लिए मंत्रियों की समिति का गठन किया गया था।