पद्मावती विवाद पर जूही चावला ने दिया बड़ा बयान, कहा- विरोध दर्ज करना ठीक मगर दीपिका को धमकी देना गलत
जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने कहा कि चैनल से समाचार प्रसारित करने का अधिकार नहीं छीना जा सकता, लेकिन चैनल को थरूर के चुप रहने के अधिकार का सम्मान करना होगा। प्रत्येक नागरिक को चुप रहने का अधिकार है। उसे किसी विषय पर बोलने के लिए विवश नहीं किया जा सकता।
थरूर ने चैनल पर अपमानजनक समाचार और टिप्पणी प्रसारित करने के आरोप में मानहानि याचिका दायर कर रखी है। थरूर का कहना है कि चैनल उनकी पत्नी की मौत की खबरें दिखाते हुए इसे हत्या बताता है और उन पर संदेहास्पद टिप्पणी करता है।
बता दें कि सुनंदा पुष्कर की 17 जनवरी 2014 में संदेहास्पद हालात में मौत हो गई थी। उनका शव सरोजनी नगर स्थित एक पांच सितारा होटल के कमरे में मिला था।
कांग्रेस नेता का कहना था कि कोर्ट के समक्ष 29 मई को आश्वासन देने के बाद भी चैनल अपमानजनक टिप्पणी करता रहा और उन्हें अपराधी बताता रहा। कोर्ट ने कहा था कि चैनल इस मामले में जांच पर आधारित तथ्यपरक समाचार प्रसारित कर सकता है, लेकिन थरूर को अपराधी नहीं कह सकता।