सियासी खींचतान को दरकिनार करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रविवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बेटे की शादी में पहुंचे। शादी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शरीक हुए। लालू और नीतीश पास-पास बैठे थे, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। तय मान्यताओं के बजाए नई सोच और नई परंपरा गढ़ते हुए उप मुख्यमंत्री के बेटे उत्कर्ष तथागत और कोलकाता निवासी नवलजी केदारनाथ वर्मा की सुपुत्री यामिनी विवाह बंधन में बंध गए। पहला सेट दाखिल, 132 साल पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे राहुल
पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में हुए इस खास शादी में राजनीति के कई दिग्गज मौजूद थे। दोपहर बाद तीन बजे से पांच तक होने वाले इस आयोजन में अरुण जेटली समेत कई केंद्रीय मंत्री, पांच राज्यों के मुख्यमंत्री समेत चार राज्यों के राज्यपाल मौजूद रहे। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे। सुशील मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। लालू ने मीडिया से बात करते हुए बस इतना कहा कि बच्चों की शादी के मौके पर राजनीति नहीं होती है।
बिना बैंडबाजे के हुई शादी
बैंडबाजा और बारात के बिना पटना में हुई सुशील मोदी के बेटे की शादी अपने आप में खास रही। बिना दहेज वाली यह शादी दिन के उजाले में हुई। विवाह स्थल पर न तो लाइट लगाया गया था न ही विशेष सजावट थी। इस शादी में खाने की भी कोई व्यवस्था नहीं थी, अतिथियों को केवल प्रसाद के तौर पर चार-चार लड्डू और एक पुस्तक दी गई।
वहीं लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कोई विवादित बयान तो नहीं दिया लेकिन डिप्टी सीएम सुशील मोदी से एक मांग जरूर कर दी है।
उन्होंने एक निजी टीवी चैनल से की गई बातचीत में कहा कि मैंने अपनी शादी का जिम्मा सुशील ‘अंकल’ को दिया है। अब वही मेरे लिए बहू खोजेंगे। खास बात यह है कि तेजप्रसाद ने इस बयान पर एक बात और जोड़ते हुए साफ किया कि लड़के के लिए दुल्हन खोजने का काम गार्जियन करते हैं और मेरे लिए भी मोदी ‘अंकल’ ही लड़की खोजेंगे और शादी तय मेरे मां-बाप करेंगे।
गौरतलब है कि 27 नवंबर को तेज प्रताप ने सुशील मोदी के बाद पीएम मोदी के खिलाफ विवादों भरा बयान दिया था। उनके बयान पर काफी बखेड़ा भी खड़ा हुआ था।