विधानसभा चुनाव की समीक्षा और भितरघात पर कार्रवाई ने कसौली विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। यहां पूर्व विधायक समेत कुल सात पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर करने की सिफारिश की गई है।केजरीवाल सरकार के फैसले पर राजनीतिक हंगामा, शुरू हुआ ट्विटर वॉर
ये सिफारिश लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले विधायक डॉ. राजीव सहजल और मंडल भाजपा की ओर से हाईकमान से की गई है। वहीं, इन सातों पदाधिकारियों ने कोर्ट जाने की धमकी दी है।
सोलन में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व विधायक सत्यपाल कंबोज ने कहा कि जिन सात पदाधिकारियों को बाहर किया जा रहा है, वे पार्टी में अहम पदों पर रहे हैं। इस बार के चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए पूरा योगदान दिया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर के बावजूद विधायक सबसे कम लीड पार्टी को दिलवा पाए। यह सब देखते हुए चुनाव से पूर्व उन्होंने पार्टी हाईकमान से उम्मीदवार बदलने की सिफारिश की थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने उम्मीदवार बदलने का निर्णय नहीं लिया।
इसके बाद सभी पदाधिकारी अपने बूथों पर जिम्मेदारी के अनुसार काम पर जुट गए। लेकिन मंडल ने समीक्षा बैठक के नाम पर कुछ लोगों की राय से उन्हें पार्टी से बाहर करने की सिफारिश कर दी।
उन्होंने कहा कि इस सिफारिश को गुप्त रखा जाना चाहिए था लेकिन इसे मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक करके राजनीतिक भविष्य को खत्म करने की कोशिश की गई है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के समक्ष वे अपना पक्ष रखेंगे।
इस मौके पर पूर्व बीडीसी सदस्य नरेंद्र अत्री, पूर्व मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर, पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर, छाबनी बोर्ड सुबाथू के पार्षद मुनीष गुप्ता, पूर्व मंडलाध्यक्ष योगराज व अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हरमेल धीमान आदि उपस्थित थे।
सभी सुबूत और तथ्य जुटाए जाने के बाद ही सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि हरमेल धीमान मूल रूप से हरियाणा के हैं। पार्टी हाईकमान को ही जीतने वाले उम्मीदवार पर दांव लगाना था।
पिछले दरवाजे से निकल गए हरमेल धीमान
विधायक डॉ. राजीव सहजल ने कहा कि टिकट मिलने के बाद वे हरमेल धीमान से मिलने उनके घर पर गए थे। लेकिन वे उनसे मिलने बाहर नहीं आए। विधायक के अनुसार वे एक कमरे में बैठकर चाय पीते रह गए और हरमेल धीमान दूसरे रास्ते से घर के बाहर चले गए।
उन्होंने पूर्व विधायक सत्यपाल कंबोज पर भी हमला बोलते हुए वर्ष 2003 में उन्हें निष्कासित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से अंदर-बाहर होते आए हैं।