यूपीकोका में CM योगी ने लिया बड़ा फैसला, कहा- अपराधियों को सजा-ए-मौत तक संभव
परिजनों व अधिवक्ता की मौजूदगी में सीबीआई आरोपी छात्र की उंगलियों के निशान रिमांड रूम में लेगी। बोर्ड ने आरोपी के बालिग या नाबालिग होने की याचिका पर सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तारीख निश्चित की है।
इसके साथ ही इस दिन आरोपी की जमानत याचिका पर भी सुनवाई की जानी है। बोर्ड ने आरोपी पक्ष की ओर से दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
इस मामले में प्रद्युम्न के पिता की ओर से याचिका दायर की गई थी कि आरोपी ने संगीन अपराध को अंजाम दिया है, इसलिए उस पर बालिग की तरह मुकदमा चलाया जाए। इस पर बोर्ड ने सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे।
आरोपी पक्ष की ओर से अदालत में प्रद्युम्न के पिता द्वारा दायर की गई आरोपी के बालिग होने की याचिका को खारिज करने व सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट की प्रति उन्हें देने की दो याचिकाएं दायर की थीं। बुधवार को बोर्ड ने दोनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ दो अन्य याचिकाएं भी खारिज की गईं।
इसके साथ ही सीबीआई द्वारा आरोपी छात्र की उंगलियों के निशान लेने की याचिका दायर की गई थी। इस पर बोर्ड ने सीबीआई की या िचका को स्वीकार कर लिया।
बोर्ड ने सीबीआई को आदेश दिए कि वह 19 दिसंबर को आरोपी के परिजनों व अधिवक्ता की मौजूदगी में आरोपी की उंगलियों के निशान 2 बजे तक ले सकते हैं। यदि परिजन व अधिवक्ता 2 बजे तक नहीं आते हैं तो सीबीआई आगे की कार्रवाई करते हुए छात्र की उंगलियों के निशान ले सकती है।
उधर, आरोपी की जमानत याचिका भी बोर्ड के समक्ष दायर की गई थी। इस याचिका की एक प्रति सीबीआई को भेजने के आदेश के साथ ही बोर्ड ने सुनवाई के लिए 15 दिसंबर निश्चित की है।
इस दिन सीबीआई को आरोपी की जमानत पर जवाब दाखिल करना है। आरोपी के परिजनों द्वारा दायर की गई सीबीआई के तय समय से अधिक समय तक पूछताछ करने की याचिका को परिजनों ने वापस कर लिया है।
– सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट की प्रति देने की याचिका।
– वयस्क की तरह ट्रायल चलाए जाने का फैसला देने में जल्दबाजी न करने की याचिका।
– सीबीआई द्वारा अधिक समय तक पूछताछ करने की याचिका वापस।
सीबीआई की याचिका को बोर्ड ने किया स्वीकार
सीबीआई ने आरोपी छात्र का जन्म प्रमाण पत्र और हाईस्कूल का सर्टिफिकेट उसके परिजनों से मांगा था। इसके जवाब में परिजनों ने कहा था वह इसे सीबीआई को सीधे तौर पर नहीं देंगे, बल्कि सेशन कोर्ट को सौंपेंगे। बोर्ड ने यह प्रमाण पत्र सीधे सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं।