आम दिल्लीवासियों की गाढ़ी कमाई से एमसीडी के ऊपर से नीचे तक के नेताओं की जेब गर्म की जा रही है। दिलीप के मुताबिक, अवैध निर्माण के नाम पर पहले से एमसीडी में घूसखोरी हो रही थी, अब सीधे-सीधे एमसीडी सीलिंग व डी-सीलिंग के नाम पर जनता को लूट रही है।
आप नेता के मुताबिक, दक्षिणी निगम में नेता विपक्ष रमेश मटियाला ने एमसीडी से कुछ सवाल किए थे, जिसके जवाब चौंकाने वाले हैं। वहीं, तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस की मिलीभगत से एमसीडी का बिल्डिंग विभाग उगाही कर रहा है। सदन के अंदर वाले पार्षद जवाब मांग रहे हैं, लेकिन एमसीडी इसमें भी नाकाम है।
-उपरोक्त में से कितने अवैध निर्माण को गिराया गया, कितनों को सील किया गया।
-सील की गई संपत्तियों में से कितनों को डी-सील किया गया।
-अवैध निर्माणों पर डेमोलिशन की कार्रवाई में कितनी संपत्तियों पर तोड़नेे की आंशिक कार्रवाई की गई और कितनी को पूरी तरह तोड़ा गया।
-जिन संपत्तियों पर डेमोलिशन की भेदभाव पूर्ण कार्रवाई की गई, उनमें से कितनी संपत्तियों पर पुन: निर्माण हुआ।
-जिन संपत्तियों को तोड़ा गया, उन्हें दोबारा नहीं बनने देने की जिम्मेदारी किन अधिकारियों पर थी।
-कार्रवाई के बाद भी यदि संपत्ति बनती है, तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हुई है। अगर हुई है, तो जानकारी दें।