विदर्भ को पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाने वाले तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी की सफलता के पीछे भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव का बड़ा हाथ है. गुरबानी ने दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक के खिलाफ 12 विकेट लेते हुए अपनी टीम को फाइनल में जगह दिलाई.
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इस युवा गेंदबाज ने कहा कि भारतीय टीम के लिए खेलने वाले उमेश यादव के टीम में रहने से उन्हें काफी मदद मिली. उन्होंने कहा, ‘उमेश यादव के रहने से मुझे काफी मदद मिली. उनके साथ गेंदबाजी की शुरुआत करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है. वह एक छोर से गेंदबाजी कर रहे थे और मैं उन्हें देख रहा था. वह मेरे प्ररेणास्त्रोत हैं और पसंदीदा गेंदबाज भी.’
गुरबानी के प्रदर्शन में पूर्व क्रिकेटर चंद्रकात पंडित का भी अहम योगदान है. वे फिलहाल विदर्भ के कोच हैं. मैच के बाद गुरबानी ने कहा, ‘अंतिम विकेट लेने और चंदू सर की प्रतिक्रिया देखने के बाद मैं काफी भावुक हो गया था.’
24 साल के गुरबानी ने कहा, ‘ आखिरी दिन मैच में उतरने से पहले मैं सहज नहीं था. पूरी रात काफी घबराया हुआ था. पहले मैं 12:30 बजे उठा, मुझे लगा कि सुबह के छह बज गए हैं. इसके बाद में 4:30 बजे उठा और इसके बाद मैं सो नहीं सका. पांच बजे उठकर मैं तैयार होने लगा और छह बजे तक तैयार हो गया.दो बार क्वार्टर फाइनल में मात खाने के बाद इस साल हम फाइनल खेलने को लेकर काफी प्रतिबद्ध थे’
गुरबानी ने सीविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने अपना पहला लिस्ट-ए मैच बीई के आखिरी सेमेस्टर को 80 प्रतिशत के साथ पास करने के बाद खेला था. उन्होंने कहा, ‘जब मैं मैदान पर गया तो कोच ने मुझे प्रोत्साहन दिया और किसी तरह मुझे शांत किया. मैदान के अंदर जब विकेट नहीं मिल रहे थे तो मुझे काफी परेशानी हो रही थी. इसके बाद मेरे सीनियर खिलाड़ियों, कप्तान और चंदू सर ने मुझे शांत रहने को कहा.’
उमेश ने मैच के बाद कहा, ‘गुरबानी शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं. यह पांचवीं बार है, जब उन्होंने पांच विकेट से ज्यादा विकेट लिये हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि वह फाइनल में भी अच्छा करेंगे. मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि वह भारत के लिए खेलने वाले विदर्भ के दूसरे खिलाड़ी बने.’
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