लोकसभा से पारित होने के बाद मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2017 आज राज्यसभा में पेश कर दिया गया। हालांकि बिल पेश होते ही पूर्वानुमानों के अनुसार हंगामा शुरू हो गया। प्रमुख विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने बिल में शामिल कई प्रावधानों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। विपक्ष के अन्य सांसदों ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाया। विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने इस बिल को स्थायी समिति को भेजने की मांग की। हालांकि विपक्ष की आपत्ति को दरकिनार करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोग जबरन विरोध के नाम पर इस बिल की राह में रोड़े अटका रहे हैं। हंगामे के बीच उपसभापति ने राज्यसभा कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
जानिए राज्यसभा की LIVE अपडेट्स
-वहीं रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सिर्फ साढ़े तीन क्लॉज का बिल है लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे लटकाना चाहती है। लोकसभा में हमारा बहुमत था और वहां रोक नहीं सकती थी इसलिए मजबूरी में समर्थन किया और राज्यसभा में हम अल्पमत में हैं तो वो इसे लटकाना चाहती है।
– प्रसाद ने कहा कि आज देश ने कांग्रेस का वो चेहरा देख लिया जो महिलाओं के विरोध में है।
– इससे पूर्व जेटली ने बताया कि क्यों इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी को नहीं भेजा सकता, उनके अनुसार तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने असवैंधानिक घोषित कर दिया है, और कोर्ट के दो जजों ने छह महीने के लिए तीन तलाक पर रोक लगाई थी और वो अवधि 22 फरवरी को पूरी हो रही है।
-उस दौरान जज ने कहा था कि हम इसे छह महीने के लिए निलंबित कर रहे हैं और सभी दलों से अनुरोध करते हैं कि इस अवधि में एक पर्याप्त कानून इसके लिए बनाया जाए। इसी वजह से सरकार को जल्दबाजी में यह बिल लाना पड़ा, जेटली ने कहा कि हम सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि इस मुद्दे पर जिम्मेदारी भरा रुख दिखाएं।
-वहीं अरुण जेटली की बात पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह बिल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दे रहे हैं लेकिन मैं उनके रिकार्ड में सुधार करना चाहता हूं जो उन्होंने अल्पसंख्यकों के मामले में आए निर्णय पर कहा है। क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से मैं इस मुद्दे पर वकालत कर रहा हूं।
– आनंद शर्मा के प्रस्ताव पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि बिना किसी सूचना के बिल पर प्रस्ताव रख दिया गया, जबकि इसके लिए 24 घंटे पहले पूर्व नोटिस देना जरूरी होता है।
-जेटली ने कहा ये पूरा देश देख रहा है कि सदन के एक हिस्से में कांग्रेस ने कैसे इस बिल का प्रस्ताव किया और दूसरे सदन में आते ही इसका विरोध शुरू कर दिया।
-रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकसभा में यह बिल पास करने के बाद भी मुरादाबाद में एक महिला को तीन तलाक देकर बेघर कर दिया गया, इसलिए आज यह बिल वक्त की जरूरत बन चुका है।
-वहीं कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि तीन तलाक बिल को एक स्लैक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। शर्मा ने कमेटी के सदस्यों के नाम भी सुझाए।
– भारी हंगामे के बाद राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इसके बाद से ही सभी की निगाहें राज्यसभा पर लगी हुई थीं जहां सत्तारूढ़ भाजपा अभी भी अल्पमत में है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस, भाकपा, माकपा, द्रमुक, सपा, बीजद, अन्नाद्रमुक आदि ने विधेयक को लेकर अपनी भावनाओं से राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पहले ही अवगत करा दिया था।