कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मध्य प्रदेश में 348 एकड़ जमीन जब्त किये जाने का मामला सामने आया है . जब्त जमीन कीमत लगभग 4.53 करोड़ रुपये है. एजेंसी ने शनिवार को यह जानकारी दी
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बता दें कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करते हुए राज्य के नरसिंहपुर जिले में इस जमीन की जब्ती का अनंतिम (प्रोविजनल) आदेश भी जारी हो गया है. यह भूमि मेसर्स बीएलए इंडस्ट्रीज प्रा. लि. से जुडी हुई है. ईडी ने कुछ वर्ष पूर्व की सीबीआई की एफआईआर के आधार पर कंपनी, उसके एमडी अनूप अग्रवाल और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला भी दर्ज कर लिया है .
एजेंसी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार इस मामले में अवैध खनन से हुई आय की इस नई पूंजी को विभिन्न बैंक खातों में रखा . बाद में सारी पूंजी को अचल संपत्तियों जैसे मध्य प्रदेश में 348.34 एकड़ भूमि के रूप में एक जगह इकठ्ठा कर दिया.
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार गोतीतोरिया पूर्व और पश्चिम कोल ब्लॉक नरसिंहपुर जिले के मोहपानी कोयला क्षेत्र में हैं.यह संपत्ति अब जब्त कर ली गई है. इन्हें ऊर्जा संयंत्रों के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन वहां ऊर्जा संयंत्र स्थापित ही नहीं हुए. निकाले गए कोयले को सरकारी अधिकारियों की मदद से मेसर्स बीएलए इंडस्ट्रीज प्रा. लि. द्वारा बेचने की अनुमति दे दी गई. इस तरह कंपनी को लाभ पहुंचाया गया.
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