चार साल की अंजलि स्कूल जाने की उम्र में घर पर ही पढ़ाई करने को मजबूर है। इसकी वजह नंबर आने के बाद भी बीते सत्र 2017-18 में दाखिला नहीं मिलना है। परेशान परिवार इस सत्र में उसे दाखिला दिलाने की तैयारी कर रहा था। अचानक बीते सप्ताह कुछ ऐसा हुआ जिससे परिवार सकते में है। दरअसल, मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से ईडब्ल्यूएस वर्ग में दाखिला मिलने की बधाई वाली चिट्ठी घर पहुंची। परिवार इस बात से परेशान है कि जब दाखिला मिला ही नहीं तो बधाई कैसी।
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दरअसल, यह पूरा मामला रोहताश नगर निवासी दीपक का है। वह ईडब्ल्यूएस वर्ग में आते हैं। बेटी अंजलि के लिए 2017-18 में आवेदन किया था। ऑनलाइन ड्रा में अंजलि का नाम भी आ गया।
मानसरोवर पार्क स्थित शशि पब्लिक स्कूल में दाखिले की उन्हें सूचना मिली। 15 अप्रैल 2017 तक उन्हें दाखिले के लिए बोला गया। दीपक ने बताया कि वह सभी दस्तावेज के साथ स्कूल पहुंचे। दस्तावेज जमा भी करा दिए।
बहाना बताकर उन्हें दाखिला नहीं दिया गया
मगर स्कूल ने वेटिंग का 16 नंबर की पर्ची देकर गर्मी की छुट्टियों के बाद बुलाया। वह जुलाई और फिर अगस्त में भी स्कूल गए लेकिन बहाना बताकर उन्हें दाखिला नहीं दिया गया। दीपक ने बताया कि सरकार की ओर से फोन भी आया था उन्होंने दाखिला नहीं होने की जानकारी दी थी।
वहीं, मुख्यमंत्री की चिट्ठी मिलने के बाद जब दीपक स्कूूल पहुंचे तो स्कूल ने माना की दाखिला नहीं दिया गया है। मगर इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। कहा कि जब सरकार पूछेगी तो जवाब देंगे।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वह जांच के बाद ही कुछ कहेंगे। शिक्षा निदेशालय से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसमें अभिभावकों की गलती है।
नहीं थे जरूरी दस्तावेज
शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अभिभावक के पास जरूरी दस्तावेज नहीं थे। उनका कहना था कि बच्ची ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी के एससी एसटी वर्ग में आती है। उनके पास संबंधित दस्तावेज नहीं थे। उन्हें बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आए। शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, अभिभावक दूसरे स्कूल की डिमांड कर रहे थे। इस पर दीपक व उनकी पत्नी सपना का कहना है की उनके पास जाति प्रमाणपत्र, बेटी का जन्म प्रमाण पत्र सभी दस्तावेज मौजूद थे। स्कूल में जमा भी कराया है।