सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है. इंदू मल्होत्रा पहली महिला वकील हैं जिन्हे सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की सिफारिश की गई है. अगर इंदु के नाम पर मुहर लग जाती है तो इंदु सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला होंगी. अभी तक कोई वकील महिला सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज नहीं बनी है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में गठित इस कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ और वरिष्ठ वकील इंदू मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश मोदी सरकार को भेज दी है.
अगर मोदी सरकार कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूर दे देती है, तो वकालत करते हुए सीधे देश की शीर्ष अदालत में महिला जज बनने का रिकॉर्ड इंदु मल्होत्रा के नाम हो जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनने का रिकॉर्ड एम फातिमा बीवी के नाम है. वो साल 1989 में शीर्ष अदालत की न्यायाधीश बनी थीं.
वैसे भी अब तक गिने-चुने वकील ही सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने हैं. इनमें रिटायर जस्टिस कुलदीप सिंह और मौजूदा जस्टिस उदय उमेश ललित शामिल हैं. कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को स्थायी करने की भी अपनी सहमति दी है. इंदू मल्होत्रा को 2007 में वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया गया था. वो सुप्रीम कोर्ट में अभी तक नियुक्त हुईं सातवीं महिला जज होंगी. अभी फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में आर. भानुमति अकेली महिला जज हैं.
मल्होत्रा वकीलों के परिवार से आती हैं. उनके पिता ओपी मल्होत्रा वरिष्ठ वकील थे और उनके बड़े भाई और बहन भी वकील हैं. मल्होत्रा ने राजनीतिक विज्ञान में पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई की है और इससे पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की थी. उसके बाद उन्होंने 1983 में करियर की शुरुआत की थी. वो कई अहम फैसलों में जजों की पीठ में रही हैं. साथ ही मल्होत्रा एक एनजीओ सेव लाइफ फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं.