केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग के मुताबिक दिसंबर के दौरान खुदरा महंगाई नवंबर में 4.88 फीसदी के स्तर से बढ़कर 5.21 फीसदी पर पहुंच गई है. हालांकि केन्द्र सरकार को इस बार इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के क्षेत्र में राहत के आंकड़े मिले हैं. नवंबर के दौरान दर्ज हुए इंडस्ट्रियल ग्रोथ पिछले साल नवंबर की तुलना में 8.4 फीसदी अधिक है. वहीं इससे पहले अक्टूबर में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े गिरकर 2.2 फीसदी पर पहुंच गए थे.इससे पहले केन्द्र सरकार को नवंबर महीने के आर्थिक आंकड़ों ने मायूस किया था. बीते महीने आए नवंबर के खुदरा महंगाई आंकड़े 4.88 फीसदी पर पहुंच गए थे, जबकि केन्द्र सरकार को उम्मीद थी कि खुदरा महंगाई नवंबर माह में 4 फीसदी के आंकड़े के आसपास सीमित रहेगी. अक्टूबर महीने में महंगाई दर 3.58 फीसदी की तुलना में नवंबर के ये आंकड़े केन्द्र सरकार के लिए राहत भरे नहीं थे.
इस महीने के आंकड़ों में एक बार फिर खाने-पीने की चीजों की महंगाई में भी आग लगी है. महीने दर महीने आधार पर दिसंबर में खाद्य महंगाई दर 4.42 फीसदी से बढ़कर 4.96 फीसदी रही. महीने दर महीने आधार पर दिसंबर में शहरी इलाकों की महंगाई दर 7.36 फीसदी से बढ़कर 8.25 फीसदी रही है.
ताजा आंकड़ों में महीने दर महीने के आधार पर दिसंबर में दालों की महंगाई दर -23.53 फीसदी के मुकाबले -23.47 फीसदी पहुंच गई. दिसंबर में सब्जियों की महंगाई दर 22.48 फीसदी से बढ़कर 29.13 फीसदी हो गई. वहीं इन आंकड़ों में फ्यूल और बिजली की महंगाई दर में किसी परिवर्तन नहीं देखने को मिला है. वहीं महीने दर महीने के आधार पर कपड़ों और जूतों की महंगाई दर 4.96 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी रही है.
बीते महीने केन्द्र सरकार को दूसरा झटका इंडस्ट्री से मिला था. देश में औद्योगिक रफ्तार का आंकलन देने वाले आंकड़े भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे नहीं थे. औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अक्टूबर में कम होकर 2.2 फीसदी रह गई थी जबकि सितंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी पर था. लिहाजा, अब नवंबर के आंकड़े केन्द्र सरकार के लिए राहत लेकर आई है.