नई दिल्लीः केंद्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार भी राज्य में सफाई को लेकर काफी संजीदा है। प्रदेश को स्वच्छ बनाने व प्रदूषण से बचाने के लिए तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं।
सरकार ने शहरों और गांवों की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए एक सख्त नियमावली बना दी है। अगर आप उत्तर प्रदेश में सामाजिक स्थल व सरकारी जगहों पर गंदगी करेंगे तो अब आपकी खैर नहीं, जिसके लिए जुर्माना भरना पड़ेगा।
सरकार नई व्यवस्था के अंतर्गत गंदगी फैलाने वालों पर 1000 रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने कचरा प्रबंधन के लिए यूजर चार्ज तय करने का अधिकार नगर निकायों पर छोड़ दिया है। वैसे तो केंद्र सरकार की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 है। इसे लेकर नगर निकायों को अपने यहां बोर्ड से पास कर उपविधि बनानी थी, लेकिन ज्यादातर ने ऐसा नहीं किया।
यूपी के नगर निकायों में मानक के अनुसार कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है, इसे दुरुस्त करने के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 बनाई है। इसका उद्देश्य निकायों में स्वच्छता रखने और ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए शुल्क व नियमावली के प्रावधानों के उल्लंघन पर जुर्माना वसूलना है।
किस स्थान पर कितना देगा होगा जुर्माना, जानिए सबकुछ
गाड़ी से गंदगी फेंकने या थूकने पर 350 से 1000 रुपए तक जुर्माना देना होगा, जबकि सार्वजनिक स्थान पर ऐसा करते हैं तो 200-500 रुपये तक की वसूली होगी। स्कूल, अस्पताल के पास गंदगी फैलाने पर 300 से 750 रुपये तक जुर्माना मान्य किया गया है। कूड़ा कचरा मिट्टी में दबाने या फिर जलाने पर 1000-2000 रुपये तक जुर्माना भरना होगा।
खुले में जनवरों को शौच कराने पर 100 से 500 रुपये तक जुर्माना का प्रावधान होगा। घरों का मलबा सड़क कि किराने रखने पर 1000 से 3000 रुपये तक जुर्माना देना होगा। निजी नालियों, सीवर लाइनों से घरेलू 100 से 500 रुपये तक जुर्माना का नियम होगा।