मुंबई: शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने बीते शुक्रवार को एक दावा किया है. इस दावे में उन्होंने कहा, ‘राज्य में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नयी सरकार असंवैधानिक है और यह ‘शैतानी महत्वाकांक्षा’ से पैदा हुई है.’ जी दरअसल आदित्य ठाकरे अपनी ‘शिव संवाद यात्रा’ के तहत औरंगाबाद में लोगों को संबोधित कर रहे थे. यहीं यात्रा के दौरान उन्होंने वैजापुर, खुलताबाद और एलोरा का दौरा किया. इस दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा, ”शैतानी महत्वाकांक्षा के कारण बनी यह सरकार असंवैधानिक और अवैध है. यह अस्थायी सरकार है और गिर जाएगी.”

इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि बगावत की साजिश पिछले साल दिवाली के त्योहार के आसपास शुरू हुई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सर्जरी कराने के बाद ठीक हो रहे थे. इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि, ”इन लोगों (शिंदे खेमा) ने जो किया वह मानवता के खिलाफ है. जब उनके नेता (उद्धव) कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर बीमार पड़ गए, तो वे लोग (बागी विधायक) जून में सूरत चले गए.”
आगे उन्होंने कहा कि नयी सरकार द्वारा औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने की प्रक्रिया को रोकने और फिर इसे फिर से जारी करने (नाम के साथ छत्रपति जोड़ने) का निर्णय बचकाना था. उन्होंने कहा कि यहां हवाई अड्डे का नाम बदलना अधर में लटका हुआ है. वहीं उनके अलावा शिवसेना के पूर्व लोकसभा सदस्य चंद्रकांत खैरे ने कहा कि, ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिंदे का इस्तेमाल किया क्योंकि उसे महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को हटाना मुश्किल हो रहा था.’ उनके अलावा विधायक उदयसिंह राजपूत ने कहा कि ‘ठाकरे ब्रांड’ हमेशा चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त है.
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