आकाश चोपड़ा अक्सर अपनी कमेंट्री स्टाइल और अच्छी एनालिसिस की वजह से फैंस के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं। जो भी आकाश चोपड़ा को फॉलो करते हैं ये बात वो जानते होंगे की आकाश हमेशा ही क्रिकेट को दिलचस्प बनाने के लिए नई-नई योजना लेकर आते रहते हैं। वो उन कुछ लोगों मे से ही है जिन्होंने शुरुआत से ही टी 20 क्रिकेट और डे नाईट टेस्ट मैचों के पक्ष में रहे हैं। हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल में उन्होंने क्रिकेट के कुछ नियमों में बदलाव को लेकर एक पोस्ट साझा की है। जिसके बाद से ही क्रिकेट जानकारों के बीच बहस छिड़ गई है। तो चलिए जानते हैं आकाश ने आखिर कौन-कौन से नियमों में बदलाव को लेकर अपनी बात बताई है।
1 – आकाश चोपड़ा ने बल्लेबाज द्वारा 100 मीटर से लम्बा छक्का मारने पर बल्लेबाज को 6 की जगह 8 रन देने की बात कही है। अभी बल्लेबाजों के खाते में ज़्यादा से ज़्यादा एक गेंद पर 6 रन मिलने का नियम है।
2 – आकाश चोपड़ा ने अभी वन डे मैचों में बाॅलिंग करने वाली टीम को मिलने वाली 2 नई गेंदों को गलत मानते हैं। उनके हिसाब से बॉलर को पुरानी गेंद से मिलने वाली रिवर्स स्विंग और साथ ही स्पिनर को मिलने वाली मदद 2 नई गेंदों की वजह से नहीं मिल पाती है। बाॅलिंग टीम को 1 ही नई गेंद के साथ पारी की शुरुआत करने देना चाहिए।
3 – वर्तमान नियम के मुताबिक बॉलर एक ओवर में 2 बाउंसर गेंदों का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन यदि बॉल बैट्समैन के सर के ऊपर से निकल जाती है तो अंपायर उस बॉल को वाइड करार देता है। वो बॉल उसके 2 बाउंसर बॉल के कोटे से ही काट ली जाती हैं। आकाश का मानना है की वो बॉल उस कोटे से काटनी नहीं चाहिए। तब भी बॉलर को एक ओवर में 2 बाउंसर गेंद फेंकने का अधिकार होने चाहिए।
4 – आकाश ने मैचों में मिलने वाले लेग बाई के रन को हटाने की मांग की है। क्रिकेट बैट और बॉल का खेल होता है । ऐसे में पैर से बॉल के लग कर रन लेने का क्या मतलब बनता है। ऐसा कोई रन होना ही नहीं चाहिए।
5 – आईसीसी के नियम के मुताबिक जब कोई बल्लेबाज के खिलाफ डीआरएस लिया जाता है और बल्लेबाज को नॉट आउट दिया जाता है तब अंपायर उस बॉल को डेड बॉल देते हैं। यदि बल्लेबाज ने इस बीच रन बनाए हैं तो वो उसके और टीम के खाते में जोड़े नहीं जाते। आकाश ने इस नियम को बेवकूफी भरा कहा है। उनके हिसाब से यदि बल्लेबाज आउट नहीं है तो उसको रन मिलने चाहिए।
6 – अंपायर द्वारा दिया जाने वाले सॉफ्ट सिग्नल को लेकर भी आकाश ने नियम में बदलाव की मांग की है। उनके हिसाब से सॉफ्ट सिगनल 30 गज के अंदर ही मान्य होना चाहिए।
7 – लिमिटेड ओवरों में बॉलर द्वारा फेंके जाने वाले 4 या 10 ओवर के कोटे को खत्म कर देना चाहिए। जरूरत पर बॉलर को कोटे से अधिक ओवर फेंकने का विकल्प भी होना चाहिए।
8 – निर्धारित समय सीमा के अंदर यदि कोई टीम अपने ओवर कम्पलीट नहीं कर पाती तो उसको एक अतिरिक्त प्लेयर को 30 गज के दायरे में लाने के लिए बाध्य करना चाहिए।
9 – यदि बॉल स्पाइडर कैम या एलइडी लाइट से लग कर फील्डर के हाथ में कैच हो जाए तो उसे आउट करार देना चाहिए।
10 – थर्ड अंपायर यदि कभी भी मैदानी अंपायर के फैसले को गलत पाता है तो मैदानी अंपायर के थर्ड अंपायर से बिना पूछे भी थर्ड अंपायर को फैसला बदलने की ताकत होनी चाहिए।
ऋषभ वर्मा