दिल्ली में पिछले तीन साल से सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के नारे भले ही बेहतर रहे हों, लेकिन उसकी कथनी-करनी में अंतर साफ नजर आता है। ताजा मामला तो यही बताता है।दिल्ली सरकार के एक स्कूल में कार्यरत शिक्षिका ने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के एक सदस्य पर परेशान करने का आरोप लगाया है। महिला ने थाने में दी शिकायत में कहा है कि कमेटी के सदस्य लाल सिंह उन्हें मानसिक रूप से परेशान करते हैं। लाल सिंह खुद को इलाके के विधायक का प्रतिनिधि बताते हैं। जब संबंधित विधायक से इस बारे में बात करने का प्रयास किया गया तो विधायक ने फोन नहीं उठाया।
शिकायत में महिला ने कहा कि जब मैं स्कूल जाती हूं तो स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य लाल सिंह स्कूल के गेट पर खड़े रहते हैं और अभद्र शब्दों के प्रयोग के साथ ही अश्लील इशारे करते हैं। विरोध करने पर मुझे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं। मैं मानसिक रूप से काफी परेशान हूं। वहीं पुलिस ने इस बाबत मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
उत्पीड़न पर खामोश क्यों हैं मुख्यमंत्री : विजेंद्र गुप्ता
वहीं, तिलक विहार पुलिस चौकी में किशोरी की खुदकशी मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े किए तो भाजपा ने भी देर नहीं लगाई। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मटियाला के विधायक गुलाब सिंह के करीबी लाल सिंह पर शिक्षिका ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। लाल सिंह उस स्कूल में मैनेजमेंट कमेटी के प्रतिनिधि हैं। मौत पर सियासत की जगह महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए दोषी आम आदगमी नेताओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आप नेता शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
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