हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का खास महत्व है। इस माह के बाद ही सावन आता है। आषाढ़ माह में पड़ने वाले त्रयोदशी में यह व्रत किया जाता है। वैसे तो हर महीने किसी भी पक्ष में यह व्रत पड़े, इसे करना शुभ होता है। आषाढ़ का व्रत शिव को समर्पित है। इसे करने से भगवान अपने भक्तों की जरूर सुनते हैं। कहा जाता है कि इस बार का आषाढ़ मास का प्रदोष व्रत भी काफी खास होगा। आइए जानते हैं।
इस बार 26 को होगा व्रत
आषाढ़ महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष का व्रत लोग रखते हैं। यह इस महीने की 26 जून को पड़ रहा है। रविवार होने से यह व्रत करने वाले इसे काफी खास मान रहे हैं। इसे रवि प्रदोष भी कहा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती पूजा करना अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि अगर इस दिन भगवान भोले की आराधना की जाए तो यह काफी लाभदायक होती है और धन व वैभव में भी बढ़ोतरी होगी।
व्रत का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ के प्रदोष व्रत में भगवान शिव को पूजा जाता है। इस दिन उनका व्रत करके आशीष प्राप्त करते हैं। कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी केदिन 25 की रात में एक बजकर 9 मिनट पर यह व्रत शुरू होगा और समाप्त होगा 26 जून को रात में 12 बजकर 25 मिनट पर। ऐसे में यह व्रत उदया तिथि के कारण 26 जून को रविवार के दिन सुबह से रखा जाएगा। इस व्रत का नाम ही प्रदोष व्रत है इसलिए इसे प्रदोष काल में ही करना शुभ है। यह 26 जून को शााम को 7 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगा और रात में 9 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यह दो घंटे का मुहूर्त होगा। यह व्रत करने से न केवल संपत्ति और घर बल्कि संतान का भी सुख मिलता है और संकट दूर होते हैं।
GB Singh