नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि यूआईडीएआई ने लोगों से अपनी अपने आधार संख्या इंटरनेट या सोशल मीडिया पर साझा नहीं करने की अपील की है। दूरसंचार नियामक ट्राई प्रमुख के आधार को सार्वजनिक करने और नुकसान पहुंचाने की चुनौती के बाद यूआईडीएआई ने यह बात कही है।
यूआईडीएआई ने एक बयान में कहा कि इस प्रकार की चीजें अनावश्यक हैं और इससे बचा जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के अनुरूप नहीं है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानि ट्राई के प्रमुख आर एस शर्मा ने शनिवार को अपनी आधार संख्या सार्वजनिक करते हुए यह चुनौती दी थी कि कोई यह बताए कि इस संख्या को जानकर कैसे वह उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
उसके बाद कुछ ने ट्विटर पर दावा किया कि उन्हें शर्मा की बैंक खाता संख्या और ईमेल मिल गया है। हालांकि शर्मा ने इससे इनकार किया और इसे गलत बताया। यूआईडीएआई ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक रूप से इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आधार संख्या नहीं डालनी चाहिए और ना ही अन्य को इसे लेकर कोई चुनौती देनी चाहिए।
प्राधिकरण ने यह भी कहा कि किसी अन्य की आधार संख्या पर आधार सत्यापन या किसी भी उद्देश्य से अन्य के आधार का उपयोग धोखाधड़ी माना जाएगा और आधार कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत आपराधिक कार्रवाई माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है या दूसरे को ऐसा करने के लिये उकसाता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसलिए लोगों को ऐसी चीजों से दूर रहनी चाहिए। यूआईडीएआई ने कहा कि 12 अंकों वाली आधार संख्या व्यक्तिगत रूप से संवेदनशील सूचना है। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कि बैंक खाता संख्या, पासपोर्ट संख्या, पैन,इसे वैध जरूरतों के लिये ही साझा किया जाना चाहिए।