अफगानिस्तान: तालिबान ने भले ही अफगानिस्तान में एक बार फिर से वापसी की हो लेकिन अफगानिस्तान को पूरी तरह से अपनी कैद में करने के उसके मंसूबे अभी भी पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाए हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान के पंजशीर, अंदराब, बगलान प्रांत में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अफ़गान लड़ाकों ने पंजशीर की ओर बढ़ रहे करीबन 300 तालिबानियों को मौत के मुहँ में भेज दिया है जिसके बाद से अब इस लड़ाई ने और तेजी पकड़ ली है।
अफगानिस्तान के पंजशीर, अंदराब, बगलान प्रांत में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने तालिबान लड़ाकों के सामने अभी भी घुटने नहीं टेके हैं। बल्कि उसे मुहतोड़ जवाब देने की कोशिश अभी भी जारी है। अभी तक की मिली जानकारी के अनुसार ये क्षेत्र अहमद मसूद का है, साथ ही यहां पर अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी रुके हुए हैं।
अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) पर कब्जा जमाकर भले ही तालिबान (Taliban) ने अपनी सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हो, लेकिन अभी भी वो एक मिशन से दूर है। अफगानिस्तान के पंजशीर (Panjshir) पर तालिबान अभी तक कब्जा नहीं कर पाया है और जिस तरह के हालात हैं उसके लिए ये जंग जीतना आसान नहीं है।
अफगान लड़ाकों ने ऐसा जाल बिछाया सैकड़ों तालिबानियों का किया सफाया
हाल ही में अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पंजशीर की सीमाओं पर जारी जंग को लेकर ट्वीट किया है, उन्होंने बताया कि अंदराब घाटी में तालिबानी हमारे लड़ाकों के ट्रैप में फंस गए। आगे लिखा है कि अब तालिबानी पंजशीर की सीमा पर बड़ी संख्या में आ गए हैं। लेकिन, सालांग हाइवे हमारे लड़ाकों के पास है। अफगानिस्तान के पंजशीर, अंदराब, बगलान प्रांत में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। ये क्षेत्र अहमद मसूद का है, साथ ही यहां पर अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी रुके हुए हैं।
नॉर्दन एलांयस वही गुट है, जिसने अब से 20 साल पहले तालिबानियों, रूसी सेना को टक्कर दी थी। अब एक बार फिर तालिबान के खिलाफ सबसे बड़ी दीवार बनकर ये लड़ाके सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने इस इलाके में हमला करना चाहा था, लेकिन वह नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों के चंगुल में आ गए।
दावा किया जा रहा है कि करीब 300 तालिबानियों को मौत के घाट उतार दिया गया है. हालांकि, ये लड़ाई अभी थमी नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाकों ने पंजशीर का रुख किया है, जहां उनकी कोशिश इस इलाके पर पूरी तरह से कब्जा जमाने की है.