देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी के साथ मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जबसे से कंपनी का आईपीओ आया तब से इसके शेयर लगातार गिर रहे हैं और अभी तक यह ढंग से चढ़े नहीं है। पिछले दिनों आए कुछ बड़े आईपीओ का यही हश्र हुआ है, जबकि छोटी कंपनियों के आईपीओ ने उम्मीद से अधिक लाभ निवेशकों को दिया है। सरकार भी लगातार शेयर गिरने से चिंतित है। आइए जानते हैं कि आगे वह क्या कदम उठा सकती है।
कितना गिरा शेयर
एलआईसी का आईपीओ आने के बाद इसका शेयर इश्यू प्राइस जारी होने के बाद से नीचे ही है। यह अभी तक 708.70 और 920 रुपए प्रति शेयर तक नीचे और ऊपर गया है। अब इसके गिरने से सरकार चिंता में आ गई है। जब एलआईसी 17 मई को खुला था तो यह 872 रुपए प्रति शेयर में लिस्ट हुआ था। जबकि सरकार की ओर से इसका इश्यू प्राइस 949 रुपए तय किया गयाा था। आईपीओ आने से पहले लोगों ने इसमें जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई थी। सोमवार को भी यह बाजार खुलने के बाद दोपहर तीन बजे तक 41.55 अंक गिरकर 668.15 पर बंद हुआ है। इससे लोगों की चिंता और बढ़ गई।
सरकार उठा रही है कदम
लिस्टिंग के बाद से ही एलआईसी के हालात सही नहीं थे। निवेशकों की चिंता को देखते हुए निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव की ओर से मीडिया में बयान भी आया है। उन्होंने कहा कि एलआईसी में शेयर के मूल्य जिस तरह से गिरे हैं उससे चिंतित हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि यह अभी अस्थायी है। लोग जब एलआईसी की मूलभूत बातों को समझेंगे तो अच्छा होगा, हालांकि थोड़ा वक्त लगेगा। एलआईसी प्रबंधन सभी पहलुओं को देख रहा है। वहीं, लगातार शेयर प्राइस गिरने से निवेशक काफी नुकसान में आ गए। लिस्टिंग के बाद एलआईसी का मार्केट कैप छह लाख करोड़ से घटकर 4.48 लाख करोड़ पर आ गया है। अभी तक डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
GB Singh