कोरोना काल में आई भयानक पूर्णबंदी ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया। सिवाय चीन के किसी भी देश के बाजार ने सकारात्मक माहौल नहीं पाया था। अब जब दो महीने बाद कोरोना के मामले पूरे देश में घटने लगे हैं और पूर्णबंदी धीरे–धीरे खोली जा रही है तो फिर से बाजारों की रौनक बढ़ने की संभावना तेज हो गई है। इस बात का हल्का संदेश शेयर बाजार ने भी देने की कोशिश की है, जहां जून के पहले सप्ताह से ही बाजार में तेजी देखी गई है। हालांकि इस दौरान कुछ गिरा भी लेकिन यह मामूली रहा। अब यह बाजार कब तक ऐसा रहेगा और इससे किन–किन कंपनियों के निवेशकों को फायदा होगा आइए जानते हैं।
लगातार कुछ दिनों से जारी है रफ्तार
वैश्विक रूप से मिल रहे अच्छे संकेत बाजार के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। शुक्रवार को कारोबार सेंसेक्स और निफ्टी ने काफी अच्छा जंप किया। सेंसेक्स जहां 52 हजार 626 के पार दिखा। वहीं, निफ्टी बी 15 हजार 835 के आगे जाते नजर आया। और यह सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है। अगर हम जून के पहले दिन की बात करें तो जून आते ही सेंसेक्स और निफ्टी ने शानदार छलांग लगाई थी। बीएसई के 30 शेयरों वाले इंडेक्स सेंसेक्स ने तो पहले ही दिन 130.07 अंकों की छलांग लगाते हुए 52 हजार के आंकड़े को पार कर लिया जो रिकार्ड रहा। इसी तरह निफ्टी ने भी इसी दिन 46.85 अंकों की बढ़त बनाकर 15,630 अंकों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके बाद बाजार में छिटपुट गिरावट और अच्छी छलांग जारी रही। सात जून को फिर सेंसेक्स ने 100 की कूद लगाई और निफ्टी भी 15,700 के पार पहुंच गया।
छोटे और बीच के शेयरों की चांदी
अभी तक के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उसके हिसाब से देखें तो कारोबार में न केवल दिग्गज कंपनियों को बल्कि छोटे और बीच के मझोले शेयरों की भी चांदी दिख रही है। वे बाजार में छलांग लगाते नजर आ रहे हैं। शुक्रवार 11 जून की बात करें तो बीएसई स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स ने बी 23 हजार और 25 हजार से अधिक के स्तर को छू लिया। इससे निवेशकों का भी हौसला बढ़ा। इस साल में अभी तक भारतीय बाजार दुनिया में सही चल ररहा है। अभी तक सेंसेक्स में 10 फीसद और निफ्टी में 13 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है। यही नहीं बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियां का मार्केट कैप भी ढाई लाख करोड़ रुपए के आसपास पहुंचने को है। जानकारों के मुताबिक इस समय फाइनेंशियल, आइटी, फार्मा, मेटल स्टॉक भी बाजार में टिके हुए हैं। इनमें निवेश करना थोड़ा फायदेमंद हो सकता है।
आखिर क्या है कारण
भारत में कोरोना के मामले गिरने के बाद से ही यह बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जून में 11 तारीख को लगातार चार दिन से एक लाख से कम मामले देखने को मिल रहे हैं। 24 घंटे में जो केस मिले वो करीब 91 हजार के आसपास रहे। इसके अलावा लॉकडाउन में दी गई छूट से भी बाजार में रौनक दिखी। कारखाने और निर्माण स्थलों पर काम शुरू होने से उम्मीद दिखी। श्रमिक भी शहरों की तरफ लौट रहे हैं। अभी रिटेल निवेशक भी इक्विटी बाजार में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।
GB singh