प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की. पीएम मोदी ने इसे काले धन के खिलाफ लड़ाई बताया. भारत की तर्ज पर ही कुछ अन्य देशों ने भी कालेधन के खिलाफ नोटबंदी को हथियार बनाना चाहा. उन्होंने भी पीएम मोदी के इस फॉर्मूले को अपनाने की कोशिश की. लेकिन जिस तरीके से भारत में नोटबंदी को लोगों का साथ मिला, इन देशों में स्थिति कुछ अलग रही.उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की हालत हुई गंभीर, देहरादून से लाकर दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में कराया भर्ती
इन देशों ने की नोटबंदी की कोशिश
नवंबर में भारत की तरफ से नोटबंदी की घोषणा करने के एक महीने बाद ही दिसंबर में तीन देशों में नोटबंदी की कोशिश हुई. भारत की तर्ज पर नोटबंदी करने की कोशिश करने वाले देशों में पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और वेनेजुएला शामिल थे.
यहां नहीं बनी बात
भारत में नोटबंदी के बाद दिसंबर में पाकिस्तान की संसद में 1000 और 5000 पाकिस्तानी रुपए के नोट बंद करने का एक प्रस्ताव लाया गया. सांसद उस्मान सैफुल्लाह खान ने यह प्रस्ताव संसद में पेश किया था. उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा था कि इन नोटों को बंद करने से कालेधन पर लगाम कसने में मदद मिलेगी. डान अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक आम जनता की तरफ से इसका विरोध शुरू होने के एक हफ्ते बाद ही सरकार ने इस पर सफाई दी. तत्कालीन पाक वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने साफ किया कि सरकार किसी भी ऐसे प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही और ये नोट बंद नहीं हो रहे.
इन्होंने वापस लिया फैसला
पाकिस्तान की तरह ही वेनेजुएला ने भी दिसंबर महीने में नोट बैन की घोषणा की. वेनेजुएला सरकार ने 100 बॉलिवर के नोट्स को बंद करने की घोषणा कर दी. इस फैसले के चलते बैंकों के बाहर भारत की ही तरह लंबी-लंबी लाइनें लगने लगीं. वहीं, सरकार के इस फैसले का बड़े स्तर पर विरोध भी शुरू हो गया. लोगों के विरोध को देखते हुए वेनेजुएला सरकार ने नोटबंदी का फैसला वापस ले लिया. वेनेजुएला इसके जरिए लगातार बढ़ती महंगाई दर पर नियंत्रण पाना चाहता था, लेकिन इसमें सरकार कामयाब नहीं हो पाई.
ऑस्ट्रेलिया ने बनाई टास्क फोर्स
भारत में नोटबंदी के एक महीने बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी 100 डॉलर के नोट बैन करने पर विचार करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई. ऑस्ट्रेलिया की रेवेन्यू मिनिस्टर केली ओ’डॉयर ने एबीसी रेडियो से कहा था कि सर्कुलेशन में 100 डॉलर के नोटों की संख्या काफी ज्यादा है. उन्होंने जानकारी दी थी कि टास्क फोर्स 100 डॉलर के नोट बैन करने और कैश ट्रांजैक्शन कम करने पर विचार करेगी. हालांकि अभी वहां नोटबंदी नहीं की गई है. ऑस्ट्रेलिया में 100 डॉलर के नोट बंद करने की खबर फैलने के बाद भारत आने वाले एनआरआई को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. यहां कोई 100 डॉलर के नोट लेने को तैयार नहीं हुआ. इसको देखते हुए भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धु ने एक बयान जारी कर साफ किया कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है.