पिछले दिनों रिजर्व बैंक आफ इंडिया यानी आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बदलाव किया गया है। रेपो रेट चार साल बाद बढ़ाया गया है क्योंकि कोविड के कारण बैंक इसे बढ़ाने से बच रहा था। लेकिन अचानक से इसे 0,40 फीसद बढ़ा दिया गया है। पहले यह 4 फीसद था जो अब 4.40 फीसद हो गया है। आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाते ही कई बैंकों की ओर से एफडी की ब्याज दरों में बदलाव को तो किया ही गया है साथ ही पर्सनल, होम और कार लोन की ब्याज दरों में भी बदलाव किया गया है। आइए जानते हैं।

कैसे होगा नुकसान और फायदा
आरबीआई की ओर से जो रेपो रेट बढ़ाया गया है उसका आम लोगों पर काफी असर पड़ेगा। जिस रेट पर आरबीआई बैंक को कर्ज देता है उसमें बढ़ोतरी होने के बाद अब बैंक भी जो लोन आम लोगों को देते हैं उसमें भी बढ़ोतरी हो गई हैं। कुछ बैंकों ने तो इसे जारी भी कर दिया है।
इन बैंकों की तरफ से आ रही है दरें बढ़ाने की सूचना
जानकारी के मुताबिक, अभी बंधन बैंक ने अपने एफडी में 50 बेसिस अंक बढ़ाए हैं। बंधन बैंक में दो या तीन साल की एफडी पर 6.25 फीस और 5 साल की एफडी पर 5.60 फीसद का ब्याज है। आईसीआईसीआई बैंक की ओर से ब्याज दर बढ़ने के बाद अब पर्सनल लोन, होम लोन और कार लोन काफी महंगा होगा। एफडी में भी थोड़ा बदलाव किया गया है। यह दो साल पर 4.75 फीसद और 5 साल पर 4.8 फीसद की दर से लाभ मिलेगा। इसी तरह कोटक महिंद्रा बैंक की ओर से एफडी दरों में 0.35 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। यह 5.50 फीसद हो गई है। यूनियन बैंक आफ इंडिया की ओर से बचत खाते में भी थोड़ा बदलाव हुआ है। हालांकि यह एक जून से लागू होगा और ब्याज दर 2.90 फीसद हो जाएगा। इसके अलावा कई छोटे बैंकों ने अभी अपने यहां कई तरह के दरें बढ़ाएं हैं। ईएमआई की दरें बढ़ना तो लोगों के लिए बुरा होगा लेकिन बचत खातों और एफडी में दरों का बढ़ना अच्छा होगा।
GB Singh
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