साध्वी रेप केस में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में हुई हिंसा में सबसे बड़ा नुकसान सामने आया है। जानेंगे तो कहेंगे कि शर्म आनी चाहिए। 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम के खिलाफ फैसला आने के बाद उसके समर्थकों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की।विधान परिषद के सातवें नेता होंगे योगी आदित्यनाथ, जो मुख्यमंत्री की कुर्सी रखेंगे बरकरार…
इस आगजनी ने कई स्टूडेंट्स के भविष्य पर पानी फेर दिया। उपद्रवी पंचकूला के सेक्टर पांच स्थित हारट्रोन बिल्डिंग में घुसे और आग लगा दी। इसमें करीब तीन सौ प्रोग्रामर्स स्टूडेंट्स की उत्तर पुस्तिकाएं जल गईं। हालांकि इस दौरान आग से इन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई।
आगजनी के समय हारट्रोन में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड्स के मुताबिक उपद्रवियों ने जैसे ही बिल्डिंग में आग लगाई, उन्हीं के बीच किसी शरारती तत्व ने कहा कि सीआरपीएफ के जवान इधर आ रहे हैं। अगर यहां फंसे तो मारे जाएंगे और वहां से भाग निकले। उपद्रवियों के हारट्रोन से निकलते ही फायर सिलिंडर से उन्होंने आग बुझाना शुरू किया।
लेकिन तब तक आग ने बिल्डिंग का रिसेप्शन एरिया और डॉक्यूमेंट रूम को आगोश में ले लिया। जिसके चलते रिसेप्शन का करीब आधा हिस्सा और डॉक्यूमेंट्स रूम में डॉक्यूमेंट जल गए। हारट्रोन के पदाधिकारी एससी गुप्ता के मुताबिक इस आगजनी में करीब 66 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
उपद्रवियों ने खड़ी की मुसीबत
इसके लिए कितना इंतजार करना पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा। इसके अलावा जिनके सर्टिफिकेट्स हारट्रोन में पड़े थे, उनके डुप्लीकेट सर्टिफिकेट्स, जहां से उन्होंने कोर्स किया था, उसका ब्योरा लेकर तैयार किया जाएगा।
हारट्रोन कर्मचारियों को दोबारा दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि इस आगजनी कौन-कौन से डॉक्यूमेंट खराब हुए हैं, इसकी जांच में हारट्रोन के मुलाजिम जुटे हुए हैं। अब नए सिरे से हारट्रोन के मुलाजिमों को एडमिशन फार्म, फीस का हिसाब किताब, प्रश्न पत्र तैयार करने पड़ेंगे।
बीस हजार बच्चों के डॉक्यूमेंट की जांच में जुटे पदाधिकारी
पदाधिकारियों के मुताबिक 82 सेंटरों के कोर्स से संबंधित प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिका, सर्टिफिकेट, फीस का हिसाब किताब पंचकूला के सेक्टर पांच के हारट्रोन सेंटर में रखा जाता है। हर साल इन सेंटरों से करीब बीस हजार परीक्षार्थी कोर्स करते हैं।
इनमें कितनों के डॉक्यूमेंट्स जले हैं, इसका हिसाब लगाया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक आग बुझाने के चक्कर में आधे से ज्यादा डॉक्यूमेंट गीले हो चुके हैं। सूखने के बाद ही पूरे डॉक्यूमेंट्स के बारे में कुछ कहा जाता है कि कौन कौन से डॉक्यूमेंट्स पूरी तरह खराब हुए हैं।