मोदी मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार और फेरबदल रविवार होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी मंत्रिमंडल के इस विस्तार में एआईएडीएमके में पिछले दिनों से चल रही अंदरूनी कलह के चलते उसे केंद्र सरकार से बाहर रखा जा सकता है।J&K: कुलगाम के तेंतरेपोरा में मुठभेड़ के दौरान, सुरक्षाबलों ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का हत्यारा
सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में एआईएडीएमके को शामिल करके विपक्ष को हमला बोलने का मौका नहीं देना चाहता है। वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अभी सही मायने में एआईएडीएमके का एकीकरण नहीं हुआ है। लेकिन अभी भी दोनों के बीच कई मुद्दों को सुलझाया जाना बाकी है।
बताते चलें कि पिछले दिनों सीएम पलानीसामी (ईपीएस) और उपमुख्यंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के गुट्टों का विलय हो चुका है। जिसके बाद से टीटीवी दिनाकरन और उनके समर्थक पार्टी में दो-फाड़ होने का इशारा कर रहे हैं। वहीं साथ ही यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एआईएडीएमके को अपने कैबिनेट में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी कर सकते हैं।
मालूम हो कि कल होने वाले मोदी मंत्रिपरिषद के बहुप्रतीक्षित विस्तार और फेरबदल में करीब डेढ़ दर्जन नए चेहरों को जगह मिल सकती है और लगभग एक दर्जन मंत्रियों की विदाई भी संभव है। अरसे से खाली पड़े पदों को भरने के साथ ही कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जाएंगे।
पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान सहित छह राज्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री के रूप में तरक्की भी मिल सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसके लिए मंत्रियों के तीन साल के कामकाज और चुनावी राज्यों के समीकरण को आधार बनाया है। मई, 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी सरकार का यह तीसरा और 2019 के आम चुनाव से पहले संभवत: अंतिम कैबिनेट विस्तार होगा।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में चल रहा AIADMK का राजनीतिक ड्रामा दिल्ली पहुंच चुका है। ईपीएस-ओपीएस कैम्प और टीटीवी दिनाकरण का धड़ा मंगलवार को राजनीतिक लड़ाई को इलेक्शन कमीशन के दरवाजे तक जा चुका है। सीएम और डिप्टी सीएम के धड़े ने जहां इलेक्शन कमिश्नर से मुलाकात के लिए वक्त मांगा तो वहीं टीटीवी दिनाकरण के धड़े ने पोल पैनल को हलफनामा देते हुए कहा कि किसी भी फैसले से पहले उसे जरूर ध्यान में रखा जाए।बुधवार को डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद भी अगर तमिलनाडु सरकार के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाता है तो हम कानूनी रवैया अपनाएंगे।