लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बढ़ते Pollution से निपटने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है। शहर के कई स्थानों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है जिससे वातावरण में मौजूद धूल के कण और अन्य हानिकारक कण बैठ जाएं। इसी के साथ लखनऊ में कृत्रिम बारिश को लेकर भी सरकार विचार- विमर्श कर रही है।
गुरुवार रात को अग्निशमन की गाडिय़ों ने मॉल एवेन्यू, विक्रमादित्य मार्ग, कालिदास मार्ग, दिलकुशा और राजभवन के आसपास पानी का छिड़काव किया। गौरतलब है कि इसी संदर्भ में गुरुवार सुबह को मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और इसमें प्रदूषण को रोकने के उपायों पर चर्चा भी की गई थी। इसमें उन्होंने कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के साथ ही आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर कृत्रिम बारिश कराने पर भी चर्चा की थी और इस दिशा में भी काम किया जा रहा है।
लगातार बिगड़ती शहर की आबो.हवा को प्रदूषण मुक्त बनाने की कवायद में जुटे लखनऊ जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से शादी विवाह मुंडन सहित अन्य मांगलिक कार्यों में होने वाली आतिशबाजी व पटाखा छुड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका उल्लंघन किए जाने पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ जेल भेजने तक की कड़ी कार्रवाई तय होगी। यह जानकारी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने दी।
उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा के तहत राजधानी क्षेत्र में 16 नवंबर से 15 जनवरी 2018 तक सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि विभिन्न मांगलिक कार्यक्रमों के दौरान होने छुड़ायी जाने वाली आतिशबाजी व पटाखों के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और विकराल हो सकती है जो कि आम जनसमुदाय के स्वास्थ्य पर सीधे तौर से गहरा नकारात्मक असर पैदा करेगा।
इसके चलते ही जनहित में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राजधानी क्षेत्र में 15 जनवरी तक के लिए वैवाहिक व मांगलिक कार्यक्रमों सहित किसी भी तरह के आयोजन व प्रायोजन में आतिशबाजी छुड़ाने व पटाखा चलाने पर सख्ती से प्रतिबंध लागू किया जाता है। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड सहित संहिता की धारा 188 के तहत त्वरित कार्रवाई कर दोषी को जेल भेजने तक की कड़ी कार्रवाई होगी। इस आदेश के प्रचार प्रसार के लिए सभी थानों के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर पुलिस कंट्रोल कक्ष की गाडिय़ों से स्पीकर द्वारा प्रचार प्रसार भी कराया जाएगा।