मुंबई: पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान और पूर्व चीफ सिलेक्टर अजीत वाडेकर का बुधवार को 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वाडेकर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
वाडेकर अपने दौर के उम्दा लेफ्ट हैंडर बल्लेबाजों में शुमार थे। उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच और 2 वनडे मैच खेले। वाडेकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शोक जताया है। अनपे ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा कि आजीत वाडेकर को भारतीय क्रिकेट में दिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए याद किया जाएगा।
एक महान बल्लेबाज और शानदार कप्तान, उनकी कप्तानी में टीम को कई यादगार लम्हे मिले। इन उपलब्धियों के साथ.साथ उन्हें प्रभावी क्रिकेट प्रशासक के रूप में भी आदर के साथ याद किया जाएगा। उनके निधन से दुखी हूं। भारत ने उनकी ही कप्तानी में साल 1971 में इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज के टीमों को टेस्ट में हराया था। भारतीय क्रिकेट टीम ने वाडेकर की कप्तानी में 24 अगस्त 1971 को इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया था।
यह इंग्लैंड की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत थी। अजीत वाडेकर के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 1958-59 में फस्र्ट क्लास क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। इसके 8 साल बाद उन्हें टीम इंडिया में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने 1966 वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू किया था। वाडेकर ने अपने होम ग्राउंड मुंबई में ही अपना टेस्ट डेब्यू किया।
वाडेकर ने 37 टेस्ट की 71 पारियों में 2113 रन बनाए। अपने टेस्ट करियर में उन्होंने 1 शतक और 14 अर्धशतक जड़े। मुंबई से हमेशा ही टीम इंडिया को उम्दा स्तर के बल्लेबाज मिलते रहे हैं और अजीत वाडेकर ने भी इसी परंपरा को बरकरार रखा था। अपने दौर के वह 3 नंबर पर खेलने वाले उम्दा बल्लेबाज थे। इसके अलावा स्लिप पोजिशन पर फील्डिंग करने में उन्हें महारत हासिल थी। वह भारत के उम्दा स्लिप फील्डर्स में शुमार थे। अजीत वाडेकर का जन्म एक अप्रैल 1941 को मुम्बई में हुआ था। अजीत वाडेकर के पिता उनको इंजीनियर बनाना चाहते थे पर अजीत की रूचि क्रिकेट में थी और वह एक महान क्रिकेट बनने में सफल भी रहे।