मंकी पाक्स को लेकर सीएमओ ने गुरुवार को सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया है। साथ ही जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। मंकी पाक्स के लक्षण मिलने वाले मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सीएमओ डा. मनोज अग्रवाल ने बताया कि अभी कोरोना के बाद मंकी पाक्स वायरस ने जन्म लिया है। हालांकि, अभी कोई भी मरीज सामने नहीं आया है लेकिन अस्पतालों को सजगता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओ के मुताबिक, मंकी पाक्स नामक वायरस से व्यक्ति को पहले बुखार आता है उसके बाद शरीर में चक्कते पड़ने लगते हैं लिम्फनोड़ जैसे लक्षण मिलते हैं। जो दो से चार सप्ताह तक रहता है। यह वायरस आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में दाखिल होता है। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के काटने पर भी यह संक्रमण हो सकता है। अगर किसी भी मरीज में इस तरह का कोई लक्षण पाया जाता है तो उसके नमूने को पूणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट वायरोलाजी लैब में भेजा जाएगा।
क्या है मंकी पाक्स वायरस: मंकीपाक्स स्मालपाक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपाक्स हो जए। यह देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वहीं हैं। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा विक्रम सिंह कहते हैं, संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाता है, जिससे दूसरे को ये बीमारी न फैले। फेस मास्क का इस्तेमाल और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
- पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने
- निमोनिया
- तेज सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- ठंड लगना
- अत्यधिक थकान
- तेज बुखार आना
- शरीर में सूजन
- एनर्जी में कमी होना
- स्किन में लाल चकत्ते
- समय के साथ लाल चकत्ते घाव का रुप ले लेना