आज से शुभ कार्यों पर पाबंदी, योग निद्रा में भगवान विष्णु

आज एकादशी है और आज देवशयनी एकादशी है। आज से चार माह तक चातुर्मास कहलाएगा। इस दौरान किसी तरह के शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाएंगे और फिर चार माह बाद ही जागेंगे। भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाते ही सारे शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है। इसके बाद महादेव की पूजा एक माह तक होगी। आइए जानते हैं कि कब योग निद्रा से जाएंगे प्रभु।

काफी महत्व रखता है चातुर्मास
10 जुलाई से चातुर्मास शुुरू हो रहा है। यह कार्तिक महीने तक रहेगा। चार माह तक भगवान सोने के बाद देवोत्थान एकादशी के दिन जागेंगे। यह चार नवंबर 2022 को मनाया जाएगा। इस अवधि में भगवान की पूजा पाठ तो होती है लेकिन उनको समर्पित किसी तरह का कोई शुभ कार्य नहीं होता है। कहा जाता है कि गृहस्थ से लेकर संतों में भी इस एकादशी का काफी महत्व बताया गया है। इसको केवल देवशयनी एकादशी या आषाढ़ एकादशी ही नहीं बल्कि कई अन्य नामों से भी जाना जाता है।

देवशयनी एकादशी के संबंधित कथा
देवशयनी एकादशी के बाद चार माह तक भगवान सोने जाते हैं तो शुभ विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार व अन्य मांगलिक कार्य नहीं होता है। इस एकादशी से जुड़ी कुछ कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि श्रीमद्भागवत महापुराण में दानवीर बलि की कथा में इसका जिक्र है। भगवान वामन अवतार में राजा बलि के यहां आते हैं और साढ़े तीन पग भूमि मांगते हैं और तीन ही पग में तीन लोक को नाप लेते हैं तो राजा बलि अपने वचन का मान रखते हुए अपना सिर भी प्रभु के आगे कर देते हैं नापने के लिए। इससे भगवान काफी प्रसन्न होते हैं और बलि भगवान को अपने यहां निवास के लिए कहते हैं। कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी से देव प्रबोधिनी एकादशी तक भगवान पाताल लोक में ही निवास करते हैं। इस चार माह में भगवान विष्णु की पूजा करना अच्छा होता है। उनको कमल का पुष्प चढ़ाएं। दान करें।

GB Singh

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