साल 2007 में गूगल ने आधिकारिक रूप से एंड्रॉइड इको सिस्टम को यूजर्स के सामने पेश किया था। हालांकि इस घोषणा से पहले एंड्रॉइड एक छोटी कंपनी थी जिसका नाम Android Inc. था। इस कंपनी के सीईओ थे एंडी रूबिन। एड्रॉइड को नाम मिला लेटिन शब्द Androides से जिसका मतलब है रोबोट जैसा इंसान। एंड्रॉइड एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे शुरू में टच स्क्रीन स्मार्टफोन के लिए बनाया गया था। एंड्रॉइड का पहला वर्जन ‘एंड्रॉइड कपकेक’ था जो साल 2009 की पहली तिमाही में लॉन्च हुआ था। इसके बाद उसी साल ‘एंड्रॉइड डॉनट’ आया। एंड्रॉइड ने समय के साथ अपनी वराइटी और वर्जन दोनों बदले। हाल के सालों में ‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ यूजर्स के लिए पेश किए गए। आज हम आपको इन तीन टर्म्स के बारे में बताएंगे। इसके साथ यह भी बताएंगे कि इनमें क्या अलग है और ये कैसे आपके फोन पर असर डालते हैं।
क्या है गलतफहमियां
यूजर्स अक्सर ‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ को आपस में मिला देते हैं। लेकिन इन तीनों को समझने का एक आसान तरीका है। जैसे एंड्रॉइड नॉगट, एंड्रॉइड ओरियो और एंड्रॉइड पी ये अलग-अलग वर्जन हैं वैसे ही में ‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ अलग-अलग वैरियंट हैं।
स्टॉक एंड्रॉइड
‘स्टॉक एंड्रॉइड’ को आसान भाषा में समझें तो एक सादा सा फोन जिसमें आपको केवल गूगल के एप्स मिलते हैं। इनमें कंपनी या कोई भी दूसरे एप्स आपको फोन में इंस्टॉल किए नहीं मिलते हैं। हालांकि आप इन एप्स को गूगल प्ले स्टोर पर जाकर फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। गूगल अपने अपडेट्स सबसे पहले स्टॉक एंड्रॉइड में देता है।