लखनऊ: यूपी की यातायात व्यवस्था से मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ नाराज है। सीएम ने एडीजी ट्रैफिक एमके बशाल को हटाने का आदेश दिया है। साथ ही अवैध वसूली की शिकायत के बाद गोरखपुर के सीओ ट्रैफिक संतोष सिंह को हटाते हुए कंपल्सरी रिटायरमेंट की कार्रवाई के निर्देश दिए है।
रविवार को साढ़े तीन घंटा चली वीडियो कॉन्फे्र सिंग में मुख्यमंत्री ने कई जिलों के अधिकारियों से काफी कड़े लहजे में बात की और कहा कि वह क्या करें हैं, इसकी जानकारी उन तक है, सुधर जाएं नहीं तो हम सुधार देंगे। उन्होंने गाजियाबाद, नोएडा, सीतापुर, जौनपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, रामपुर, बरेली, बुलंदशहर में हुई अपराध की घटनाओं के बारे में संबंधित पुलिस कप्तानों से विस्तार से जाना और अपराध पर नियंत्रण के निर्देश दिए।
वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के दौरान मुख्यमंत्री का मुख्य फोकस ट्रैफिक व्यवस्था और प्रदेश में होने वाली अपराध की घटनाओं पर था। मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों पर ऐसे पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाए जो मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हों। तोंद वाले इंस्पेक्टर को थाने की जिम्मेदारी न दी जाए। अपराध की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने एक दर्जन से अधिक जिलों के कप्तानों से सीधे सवाल किए।
कहा कि घटनाओं का खुलासा होता है वो ठीक है लेकिन घटनाएं हो ही न, इसके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अपराधी घटना को अंजाम देकर भाग रहा है तो उसे पकडऩे के लिए आप लोग फौरन कोशिश नहीं करते। जनपदों में लूट और छिनैती की घटनाएं हो रही हैं। इफेक्टिव एक्शन होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि आखिर फूट पेट्रोलिंग क्यों नहीं हो पा रही है।
मुख्यमंत्री ने कप्तानों को निर्देश दिए कि वह जिलों को कैम्प कार्यालय से नहीं बल्कि मूल कार्यालय से चलाएं। कहा कि लोगों को जिलों में न्याय नहीं मिलता इसलिए उन्हें लखनऊ आना पड़ता है। अफसर लोगों से मिलने के लिए 9 से 11 बजे हर हाल में दफ्तर में बैठें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में बारावफात कार्तिक मेला, देव दीपावली जैसे पर्व हैं। इन त्यौहारों की व्यवस्था चुस्त.दुरुस्त होनी चाहिए। अन्य त्यौहारों के शांतिपूर्ण निपटने पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की तारीफ भी की।