प्रतापगढ़: प्रदेश सरकार की योजना की जमीन हकीकत जाने के लिए सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ कल प्रतापगढ़ जनपद पहुंचे। ग्राम स्वराज अभियान के तहत प्रतापगढ़ जिले की पट्टी विधानसभा के कंधई मधुपुर गांव में सोमवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चौपाल लगायी।सीएम ने जब विकास कार्यों के बारे में पूछा तो लोग अधिकारियों को चोर कहने लगे।
गांव में शौचालय नहीं बनने पर मुख्यमंत्री ने मंच पर ही जिलाधिकारीए सीडीओ और डीपीआरओ को डांटना शुरू कर दिया। चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में जवाबदेही तय होगी। सीएम के तेवर देख अफसरों के पसीने छूट गए। सोमवार को सुबह 11.50 बजे पुलिस लाइन में उतरने के बाद मुख्यमंत्री विकास भवन में विकास कार्यों की समीक्षाए जिला अस्पताल का निरीक्षण और पट्टी के चंदौका में पीएमजीएसवाई सड़क की गुणवत्ता देखने के बाद शाम करीब सवा सात बजे कंधई मधुपुर गांव में चौपाल लगाने पहुंचे।
सीएम को अपने बीच पाकर लोग नारेबाजी करने लगे। स्वागत कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माइक संभाला और मोदी सरकार के कामकाज गिनाने के बाद गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लेना शुरू कर दिया। एक.एक कर उन्होंने सभी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने भीड़ से पूछा कि क्या सभी के घरों में शौचालय बने हैं। इस पर लोगों ने एक स्वर में ना में जवाब दिया।
यह सुनने के बाद सीएम का मूड उखड़ गया। उन्होंने तुरंत डीएम शंभु कुमारए सीडीओ राजकमल और डीपीआरओ शशिकांत पांडेय को मंच पर बुला लिया और पूछताछ करने लगे। इस पर डीपीआरओ ने बताया कि गांव में पांच सौ शौचालय बने हैं। इस पर भीड़ फिर नारेबाजी करने लगी। गुस्साए सीएम ने तीनों अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा कि शेष लोगों के घरों में शौचालय क्यों नहीं बने।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सबकी जवाबदेही तय होगी। कहा सुबह तक सभी लाभार्थियों के खाते में शौचालय की धनराशि पहुंच जानी चाहिए। राशनकार्ड के बारे में पूछने पर जिला पूर्ति अधिकारी गोलमाल जवाब देने लगे। राशनकार्डों के सत्यापन के बारे में भी वह जवाब नहीं दे सके। इस पर सीएम ने उन्हें फटकार लगाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने पीडी अरविंद सिंह से प्रधानमंत्री आवास योजना के एक.एक लाभार्थियों को नाम पढ़वाया। वह खुद भी सूची हाथ में लेकर सत्यापन करते रहे। इसी तरह पेंशनए हैंडपंप और पाइप लाइन के बारे में भी पूछने पर लोग हंगामा करते रहे। चौपाल में सीएम के विकास कार्यों के बारे में पूछने पर लोगों ने अफसरों पर आरोपों की बौछार कर दी।
आरोप लगाने लगे कि हर योजना में घूस लेने के बाद ही लाभ दिया जाता है। लोगों ने आवासए शौचालय और हैंडपंप के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाते रहे। सीएम पूछते रहे और ग्रामीण अफसरों पर आरोप लगाते रहे। ग्रामीणों के निशाने पर सबसे ज्यादा डीपीआरओ और पीडी रहे। चौपाल के दौरान लोगों का आक्रोश देख अफसरों के प्रति सीएम के तेवर सख्त हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं में किसी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि घूसखोर अफसरों को मुकदमा दर्ज कर न सिर्फ जेल भेजा जाएगाए बल्कि उनकी संपत्ति से रिकवरी भी की जाएगी।