हिंदु वर्ष के तीसरे मास ज्येष्ठ के अब कुछ ही दिन शेष हैं। 24 जून गुरुवार को यह महीना खत्म हो जाएगा। इस माह में जहां वट सावित्री व्रत, निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा और बड़ा मंगल जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार आए, उसी तरह साल के चौथे महीने आषाढ़ में भी आएंगे। आषाढ़ मास का प्रारंभ ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक शुक्रवार 25 जून से हो रहा है।
हिंदू धर्म में इसे महत्वपूर्ण महीना माना गया है। इस माह में जगन्नाथ रथयात्रा समेत देवशयनी एकादशी के पर्व आते हैं। इस दिन से चतुर्मास शुरू हो जाते हैं और सभी तरह के मांगलिक कार्य अगले चार महीने तक बंद हो जाते हैं। इसी माह आषाढ़ की गुप्त नवरात्र भी आती है। चैत्र और शारदीय नवरात्र की तरह इसमें भी मां दुर्गा की उपासना की जाती है। इसके अलावा हलहरिणी अमावस्या और गुरु पूर्णिमा भी इसी महीने में मनाई जाती है। आइए जानें आषाढ़ मास के अन्य व्रत और त्योहार।
27 जून : गणेश चतुर्थि व्रत रहेगा। इस दिन चतुर्थी तिथि रात से लग रही है। चंद्रमा रात को 9.50 बजे उदय होंगे। चंद्र दर्शन कर व्रत का पारण होगा।
28 जून : 28 जून से 3 जुलाई के बीच पंचक काल रहेगा। शुभ कार्यों में इसका विचार किया जाता है।
2 जुलाई : शीतलाअष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन कुछ लोग व्रत भी करते हैं। कुछ जगहों पर इसे बासोड़ा या बसोरा का पर्व भी कहा जाता है।
5 जुलाई: इस दिन योगिनी एकादशी का व्रत रख जाएगा।
7 जुलाई : इस दिन भक्त प्रदोष व्रत करेंगे।
8 जुलाई : इस दिन मासिक शिवरात्रि या शिव चतुर्दशी होगा।
9 जुलाई : 9 जुलाई के दिन हलहरिणी अमावस्या मनाई जायेगी।
11 जुलाई : इस दिन से आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रारंभ हो जाएगा। 11 जुलाई से ही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि भी शुरू होंगे।
12 जुलाई : भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू होगी।
13 जुलाई : इस दिन विनायकी चतुर्दशी व्रत रहेगा।
16 जुलाई : इस दिन कर्क संक्रांति और मां ताप्ति जयंती मनाई जाएगी।
18 जुलाई : इस दिन भड़ली नवमी के साथ ही गुप्त नवरात्रि का पारण भी किया जाएगा।
20 जुलाई: इस दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि होगी। इस दिन देवशयनी एकादशी होती है। आज से श्री हरि विष्णु चार मास की योगनिद्रा में चले जाते हैं और विवाह आदि मांगलिक कार्य रुक जाते हैं।
21 जुलाई: 21 जुलाई को प्रदोष व्रत रहेगा। ईद उल जुहा का त्योहार भी इसी दिन मनाया जाएगा।
22 जुलाई : इस दिन मंगला तेरस या विजया पर्वती का व्रत किया जाएगा।
23 जुलाई : इस दिन से व्रत की पूर्णिमा शुरू हो जाएगा।
24 जुलाई : इस दिन गुरु पूर्णिमा मनार्इ जाएगी। इसी दिन महाभारत महाकाव्य के रचयिता वेद व्यास की भी पूजा का विधान है। इस दिन से आषाढ़ मास समाप्त माना जाता है और अगले दिन से शिव जी का प्रिय श्रावण मास शुरू हो जाता है।
अपराजिता श्रीवास्तव