हर माह दो पक्ष पड़ती है। एक कृष्ण और दूसरी शुक्ल। दोनों पक्षों में तिथियां भी पड़ती हैं। इन तिथियों में मनाई जाने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी होती है। इस दिन गणपति की पूजा का विधान है। इस बार आषाढ़ शुक्ल की पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी काफी अच्छे योग के साथ पड़ रहा है। यह तीन जुलाई को होगा। आइए जानते हैं कि शुभ योग में पूजा कैसे करें।

दो शुभ योग में होगी पूजा
विनायक चतुर्थी में भगवान गणेश को पूजा जाता है। उनकी आरती होती है और भोग लगाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं। विनायक चतुर्थी के दिन 3 जुलाई को रविवार का दिन है। इस दिन दोपहर तक पूजा संपन्न कर लें। चंद्रमा का दर्शन बिल्कुल भी न करें। जो दो योग पड़ रहे हैं उनमें एक रवि योग है और दूसरा सिद्धि योग। इन योग में पूजा करना अच्छा है।
कब करें पूजा
रवि योग रविवार को सुबह पांच बजकर 28 मिनटर से लेकर सुबह 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। सिद्धि योग दोपहर में 12 बजकर 7 मिनट से लेकर पूरी रात तक रहेगा। शुभ योग दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है। इसलिए इस योग में पूजा करना अच्छा होगा। वहीं दो जुलाई को शनिवार को दोपहर में 3 बजकर 16 मिनट से चतुर्थी शुरू हो जाएगा और समाप्त 3 जुलाई को शाम को 5 बजकर 6 मिनट पर होगा। इसलिए शुभ मुहूर्त पूजा करने का 3 तारीख को दोपहर में 11 बजे से 1 बजकर 49 मिनट तक है। राहुकाल में पूजा न करें। वह शाम को साढ़े 5 बजे से शाम साढ़े 7 बजे तक है। गणेश जी की विधि विधान से पूजा करने के बाद उनको भोग लगाए और आरती करें। दुर्वा जरूर चढ़ाएं। गणेश चालीसा व व्रत कथा पढ़ें।
GB Singh
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