ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट को लेकर आज अहम दिन है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वाराणसी के जिला कोर्ट से ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट को को कम से कम चार हफ्तों तक सार्वजनिक न किए जाने को लेकर अपील की थी। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई को चार जनवरी तक के लिए टाल दिया था। आज इसपर सुनवाई होनी है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि इस मामले में वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज विश्वेश ने मामले पर सुनवाई को गुरुवार तक के लिए टाल दिया था। उन्होंने बताया कि एएसआई ने सीलबंद सर्वे रिपोर्ट खोलने से पहले कोर्ट से चार हफ्ते का और वक्त माना गया है।
मदन मोहन ने बताया कि ASI ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए चार हफ्ते का वक्त मांगा है। गौरतलब है कि बीते वर्ष 19 दिसंबर को ज्ञानवापी मस्जिद वाली जगह पर मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
बता दें कि 21 जुलाई, 2023 को कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था। इसका मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि 17वीं शताब्दी में निर्मित ज्ञानवापी मस्जिद पहले से मौजूद हिन्दू मंदिर की संरचना पर किया गया था कि नहीं।
बुधवार को वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि वजू खाना की सफाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी जाएगी। क्योंकि वहां कई मछलियां मर गई हैं। मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वजू खाना उसकी संपत्ति है और उसकी सफाई की जिम्मेदारी भी उसे ही दी जानी चाहिए। हिन्दू पक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वजू खाना बंद किया गया है। ऐसे में उसकी सफाई या तो वह खुद करे या प्रशासन द्वारा करवाई जाए। इस मामले में भी आज ही फैसला सुनाई जाएगी।