नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। यमुना के घाट पर राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर वाजपेयी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
उनकी अंतिम यात्रा भाजपा मुख्यालय से शुरू हुई जिसमें हजारों की संख्या में लोग अपने प्रिय नेता को अश्रूपूर्ण विदाई दी। उनके अंतिम दर्शन की लालसा लिये हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर खड़े थे। पूरे देश से हजारों की संख्या में लोग वाजपेयी के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा मुख्यालय पहुंचे।
वाजपेयी का पार्थिव शरीर कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास से सुबह 11 बजे दीन दयाल मार्ग पर भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय लाया गया था। जहां बड़ी संख्या में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी मौजूद थे। अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए लोग पेड़ों तक पर चढ़ गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, तमाम कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, विपक्षी दलों के नेताओं और तमाम विदेशी नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।
भाषाओं, विचारधाराओं और संस्कृतियों के भेद से परे एक कद्दावर और यथार्थवादी करिश्माई राजनेता। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रबुद्ध वक्ता और शांति के उपासक होने के साथ साथ हरदिल अजीज और मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे। वह वास्तव में भारतीय राजनीति के अजातशत्रु थे।